५४२~ अनमोल रत्न डॉ सुमन बिष्ट राजकीय प्राथमिक विद्यालय कालाडुंगरा, लमगड़ा, अल्मोड़ा।

 🏅अनमोल रत्न🏅

👉1- शिक्षक का परिचय

डॉ० सुमन बिष्ट (प्रधानाध्यापक) राजकीय प्राथमिक विद्यालय कालाडुंगरा, लमगड़ा, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड।


प्रथम नियुक्ति- 10- 08-2013 राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिलानी, दौलाघाट, हवालबाग, अल्मोड़ा 

वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति- 03- 07- 2021

अन्य विद्यालय जहाँ कार्य किया गया- 

राजकीय प्राथमिक विद्यालय रिखे, दौलाघट, हवालबाग, अल्मोड़ा

राजकीय प्राथमिक विद्यालय गेवापानी, हवालबाग, अल्मोड़ा

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👉2- विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास

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A- स्वयं के प्रयास- 

    1- वर्तमान विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात विद्यालय में रंग रोगन करवाया गया साथ ही कक्षा कक्ष की दीवारों को दीवार पत्रिका व शिक्षण अधिगम सामग्री के माध्यम से आकर्षक बनाया गया।

 2- अभिभावकों से नियमित सम्पर्क के द्वारा उन्हें जागरूक व प्रेरित किया गया कि  बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें।

3- कोरोना काल में बच्चों को शिक्षक व शिक्षण प्रक्रिया से जोड़े रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षण के माध्यम से विभिन्न आई०सी०टी० माध्यमों का प्रयोग करते हुए पाठ्य सामग्री व वर्कशीट प्रदान की गई।

4- बच्चों में आत्मविश्वास जगाने और शैक्षिक वातावरण तैयार करने का प्रयास किया गया।

5- बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु विद्यालय परिसर में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

6- मेरे द्वारा किए गए प्रयासों व विद्यालय के प्र० अ० के तथा विभाग के सहयोग द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय गेवापानी का रूपांतरण कराया गया जिससे छात्र छात्राओं को एल०ई०डी, कम्प्यूटर, फर्नीचर व खेल सामग्री प्राप्त हुई।

7- विद्यालय में विभिन्न अवसरों पर विशेष भोज व छात्र छात्राओं के जन्मदिन समारोह का आयोजन भी किया जाता है।

8- व्यक्तिगत स्तर से छात्र छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण हेतु ले जाया जाना।







B- अन्य शिक्षकों के सहयोग से- 

   1- उक्त कार्यों में साथी शिक्षक से सहयोग प्राप्त किया गया।

2- बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु विभिन्न शैक्षिक व सह शैक्षिक कार्यक्रमों का समय-समय पर आयोजन किया जाना।

C- जन प्रतिनिधि के सहयोग से-

 1- अभिभावकों व ग्राम प्रधान द्वारा विद्यालय की स्वच्छता व पेयजल व्यवस्था हेतु सहयोग दिया गया।

2- विभिन्न राष्ट्रीय पर्वों व अन्य कार्यक्रमों में समुदाय का पूर्ण सहयोग रहता है तथा इन कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती है। साथ ही समय-समय पर उनके द्वारा अमूल्य सुझाव भी दिए जाते हैं।

D- शासन के सहयोग से- 

1- विद्यालय के लिए फर्नीचर, मध्याहन भोजन, इको क्लब फर्नीचर, क्रीड़ा सामग्री, लाइब्रेरी हेतु पुस्तकें और सौन्दर्यीकरण की व्यवस्था।

E- जन सहभागिता से-

1- विद्यालय विकास हेतु अभिभावक व समस्त जनप्रतिनिधि सहयोग प्रदान करते हैं इसी कारण दुर्गम क्षेत्र में होने के बावजूद विद्यालय के कार्य आसानी से हो जाते हैं।

2- सामुदायिक सहभागिता के कारण ही विद्यालय में आयोजित होने वाले समस्त कार्यक्रम सम्पन्न हो पाते हैं।

F- अन्य सहयोग से- 

1- माताओं के सहयोग से विद्यालय में विभिन्न प्रकार के फूलों को लगाया जाता है।

2- राष्ट्रीय पर्वों व अन्य कार्यक्रमों के अवसर पर जनप्रतिनिधियों के द्वारा छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित किया जाता है।

3- विद्यालय की शिक्षिकाओं द्वारा भी समय-समय पर छात्र छात्राओं को कॉपी व आदि सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही स्वयं के मोबाइल व लैपटॉप के प्रयोग द्वारा बच्चों को शैक्षिक सामग्री दिखाई जाती है।

  3- किए गए कार्यों का परिणाम- 

1- छात्र नामांकन में वृद्धि

छात्र संख्या - 

2021 - 22- 05 

2022 - 23- 18

2- छात्र-छात्राओं की नियमित व शत-प्रतिशत उपस्थिति।


👉4- विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ- 

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1-  समय-समय पर होने वाली संकुल स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय व जिला स्तरीय विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे- सपनों की उड़ान, बाल मेला, क्रीडा प्रतियोगिता, खेलमहाकुंभ, स्पेलिंग कंपटीशन, मैथ्स विजार्ड आदि में प्रतिभाग करना व पुरस्कार प्राप्त करना।

2- अबेकस प्रतियोगिता में एक छात्र द्वारा जिला स्तर पर चतुर्थ स्थान प्राप्त किया गया।

3- प्रार्थना सभा में प्रतिदिन छात्र छात्राओं द्वारा समाचार वाचन, प्रेरक प्रसंग, कहानी, कविता आदि का प्रस्तुतीकरण।

4- प्रतिदिन योगासन व व्यायाम करना।

5- राष्ट्रीय पर्वों व  कार्यक्रमों में बच्चों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण।


     👉5- नवाचारों का विवरण- 

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1- गतिविधि आधारित शिक्षण करना।

2- ट्विन क्राफ्ट,काइन मास्टर आदि के द्वारा बनाई गई विभिन्न शैक्षणिक वीडियो का प्रयोग ।

3- विभिन्न प्रकार के टी एल एम का प्रयोग शिक्षण को रुचिकर बनाने हेतु किया जाता है।

👉6- शिक्षक सम्मान एवं पुरस्कार-

1- मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड व संस्थापक महोदय द्वारा शिक्षक दिवस पर सम्मानित।

2- मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड के सहयोग से राज्य स्थापना दिवस पर आदरणीय निदेशक संस्कृत अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक व बेसिक) द्वारा प्रशस्ति पत्र  प्रदान कर सम्मानित किया गया।

अन्य उपलब्धियांँ-

1- कोरोना महामारी के समय में मिशन शिक्षण संवाद के तत्वाधान में निर्मित दैनिक बोर्ड, शैक्षिक सामग्री व निर्माण में सहयोग प्रदान किया गया।

2- वर्ष 2021 से मिशन शिक्षण संवाद के द्वारा उत्तराखंड राज्य के उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं हेतु ऑनलाइन कक्षाएँ आयोजित की जा रही हैं जिसमें मेरे द्वारा रिजनिंग का शिक्षण कार्य किया जा रहा है।

👉7- शिक्षण संवाद के लिए संदेश- मिशन शिक्षण संवाद वह मंच है जो शिक्षकों को सीखने व सिखाने का अवसर प्रदान करता है। और उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान करता है। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस मंच से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ।

👉8- शिक्षकों के लिए संदेश- एक शिक्षक ही समाज में परिवर्तन ला सकता है अतः हमें निरन्तर छात्र हित में प्रयासरत रहना चाहिए। मिशन शिक्षण संवाद हमें एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहांँ हम बच्चों के लिए नित नए प्रयोग कर सकते हैं अतः आइए हम सब मिलकर बच्चों के हित के लिए कार्य करें।


संकलन एवं सहयोग- माधव सिंह नेगी

मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड

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