विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस
अन्न-जल है बहुत अनमोल,
करो सदा इनकी सुरक्षा।
आज खरीद लोगे तुम मोल,
घर ले आओगे तराजू से तोल।।
नहीं करोगे खाद्यान्नों की रक्षा।
कल भोजन कहाँ से पाओगे?
एक दिन ऐसा फिर आयेगा,
जब तुम भूखे रह जाओगे।।
शुद्ध, सात्विक, संतुलित हो भोजन,
ऐसा करो कुछ तुम योजन।
भोजन है अनमोल, व्यर्थ ना गँवाओ,
उतना ही लो थाली में, जितना खाओ।।
स्वच्छ-ताजा भोजन है,
उत्तम स्वास्थ्य की कुंजी।
गरिष्ठ-बासी भोजन करके,
मत गँवाना तुम ये पूँजी।।
कल कर ली सो कर ली,
अब ना करोगे तुम लापरवाही,
वरना उत्पन्न होगा भोजन का संकट,
हो जाएगी खड़ी समस्या बहुत विकट।
भोजन को कभी व्यर्थ नही गँवाना,
आज-अभी अपने मन ये ठान लो।
जीवन की तरह है भोजन अनमोल,
तुम भी आज-अभी से ये मान लो।।
रचयिता
ब्रजेश सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बीठना,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
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