मानवता के लिए योग
सारे विश्व को ये संदेश पहुँचाना है,
अब तो योग का महत्व बताना है।
सभी गम्भीर रोगों को पछाड़ कर,
जन-जन को निरोगी बनाना है।
5000 वर्षों से भी बहुत पहले,
योग की हुई उत्पत्ति, बताते हैं।
गुरु- शिष्य परंपरा के द्वारा ही,
योग को हस्तांतरित करवाते हैं।
पतंजलि ने मिथ्या मिटाकर, योग को
सुव्यवस्थित रुप से संवारा है।
भारत ने 'शिव' और 'दत्तात्रेय' को
योग का जनक ही माना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सफल,
प्रयास से ही ये 'महापर्व' आया है।
विश्व ने भी '21 जून 2015' से
"अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" मनाया है।।
रचयिता
स्वाति सिंह,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय ककुआ,
विकास खण्ड-बरौली अहीर,
जनपद-आगरा।
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