पर्यावरण दिवस
आओ आज यह शपथ लेंगे।
पेड़ों को न कटने देंगे।।
यह कैसा तूफान है आया।
घर मे जैसे अंधेरा छाया।।
सारे जीव और जंतु करते हाहाकार।
इतनी भीषण गरमी में कौन करे उपचार।।
वृक्ष देते छाया, लकड़ी और फल।
यह न होंगे तो कैसा होगा कल।।
सुंदर लगती धरती प्यारी।
लगे जैसे न्यारी-न्यारी।।
इनमें रहते जीव खुशी मनाते हैं।
हमें न काटो यह गुहार लगाते हैं।
प्रदूषण मिटाना है तो वृक्ष लगाओ।
आओ आज नहीं रोज पर्यावरण दिवस मनाओ।।
रचयिता
सीमा अग्रवाल,
सेवानिवृत्त सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय हाफ़िज़पुर उबारपुर,
विकास क्षेत्र - हापुड़,
जनपद - हापुड़।
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