राम प्रसाद विस्मिल

भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के,

क्रांतिकारी थे वह सेनानी।

हँसते-हँसते फाँसी पर चढ़ गये,

अमर हो गई उनकी कहानी।।


मैनपुरी और काकोरी कांड को,

दिया था उन्होंने अंजाम। 

हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन में,

सदस्य रूप में करते थे काम।।


11 जून 1897 को शाहजहांपुर,

खिरनीबागा, उत्तर प्रदेश में वह जन्मे।

पिता मुरलीधर और माता मूलमती के पुत्र 

आजादी के बीज पनपे उनके मन में।।


11 वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में,

'अज्ञात' और 'राम' नाम से पुस्तकें लिखी।

काकोरी कांड का नेतृत्व किया,

अंग्रेजों के विरुद्ध इतिहास लिखी।।


30 वर्ष की आयु में फाँसी पाये, 

'सरफरोशी की तमन्ना' गीत गाये।

जीवित हैं हर भारतीयों के दिलों में,

जन्मदिन पर उन्हें हम शीश नवाये।।


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।



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