अन्तर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस
एक वार्षिक वैश्विक कार्यक्रम,
1908 तुंगुस्का घटना की याद दिलाता है।
एक क्षुद्रग्रह साइबेरियन के जंगल को,
2,150 वर्ग किमी तक समतल कर जाता है।।
दिसम्बर 2016 से संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा,
30 जून को विश्व क्षुद्रग्रह दिवस मनाया जाता है
क्षुद्रग्रहों के प्रभाव के खतरों के बारे में,
जन-जागरूकता को बढ़ाया जाता है।।
क्षुद्रग्रह छोटे-छोटे चट्टान होते हैं,
जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
आकार में कंकड़ के बराबर से लेकर,
300 मील की दूरी तक यह होते हैं।।
उद्देश्य पृथ्वी पर दुर्घटनाग्रस्त क्षुद्रग्रह के,
विनाशकारी प्रभाव को बताना है।
ब्रह्मांड निर्माण में क्षुद्रग्रह की भूमिका और
भविष्य में संसाधन का उपयोग बताना है।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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