ओ प्यारी नर्स
कितना भी लिखूँ तुम्हारे बारे में
वो सब पड़ जाए कम
ओ प्यारी नर्स, ओ प्यारी नर्स...
उस प्रभु के बाद तुमसे ही होती है आस
हर मरीज का होता है तुम पर ही विश्वास
निष्ठा भाव से निभाती हो अपना कर्म
ओ प्यारी नर्स, ओ प्यारी नर्स...
महामारी के समय में जब निभा रहे थे सब दूरी
एक तुम्हीं थी ऐसी जिसने न कही कोई मजबूरी
अपनाती रहीं हँसकर सबका दर्द
ओ प्यारी नर्स, ओ प्यारी नर्स...
भूल गई खुद को भी, नींद चैन सब त्याग दिया
सेवा भाव में लगी रहीं, कुछ नीचों ने अपमान किया
फिर भी ड्यूटी छोड़ नहीं गईं तुम घर
ओ प्यारी नर्स, ओ प्यारी नर्स...
गर्व करते है तुम पर हम, तुम हो देश की शान
दूसरों की खातिर जीती हो, तुम हो बड़ी महान
देश सेवा में निभातीं अपना हर फ़र्ज़
ओ प्यारी नर्स, ओ प्यारी नर्स...
रचयिता
पारुल चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हरचंदपुर,
विकास क्षेत्र-खेकड़ा,
जनपद-बागपत।
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