चहक
स्कूल प्रांगण में प्यारे बच्चे
चहकते हुए लुभाते बच्चे
खेल- खेल में सीखते बच्चे
कक्षाएँ आकर्षक बनाते बच्चे
कला संबंधित गतिविधियों से
निधियाँ प्राप्त करते बच्चे
खेल- खेल में सीखते बच्चे
भाषा, गणित में दक्ष होते बच्चे
परिवेश के साथ सीखते बच्चे
रोज कुछ नया गढ़ते बच्चे
चहक के साथ खेल- खेल में
प्यार- प्यार से सीखते बच्चे
चहक से सिंचित होते बच्चे
चहक से सृजित होते बच्चे
वैज्ञानिकता की सोच के साथ
संसार को देखते- बूझते बच्चे
मार्निंग सर्कल टाइम में बच्चे
गुडबाई सर्कल टाइम में बच्चे
मूल से पोषित होते बच्चे
निर्भीक, सच्चे बनते बच्चे
आगे बढ़ते अच्छे लगते बच्चे
देश को मिले खुशियों के लच्छे
गाँव- गाँव शिक्षा के फूल खिलें
महके सरकारी स्कूलों के ये गुच्छे
रचयिता
प्रतिभा भारद्वाज,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यामिक विद्यालय वीरपुर छबीलगढ़ी,
विकास खण्ड-जवां,
जनपद-अलीगढ़।
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