मातृ दिवस

तेरी माँ हो या मेरी माँ हो,

माँ तो सिर्फ माँ होती है।

ममता से परिपूर्ण देखो,

हम सबकी माँ होती है।।


अपने सुखों का कर परित्याग,

बच्चों को बनाती है वह महान।

अच्छाई की राह दिखाती,

सच्चाई के पथ पर चलाती।।


एक अच्छा इंसान बनाती,

माँ ही तो है जो सब कर जाती।

बच्चों की खुशियों की खातिर,

हर किसी से है वह लड़ जाती।।


सच में माँ तो माँ ही होती है,

बच्चों से दूर कहाँ रह पाती है।

बच्चे करें चाहें कैसा भी व्यवहार,

पल में माफ उन्हें कर जाती है।।


रचयिता

सीमा शर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय निवाड़ा,

विकास खण्ड-बागपत, 

जनपद-बागपत।

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