ईद
खुशियाँ मनाएँ मिलकर ईद की,
आओ बा जी, आओ भाईजान।
दिख गया आसमान में पाक चाँद,
हो गया पूरा माह-ए-रमजान।।
ईदगाह की रौनक देखो,
सब लोग हुए इकट्ठे आज।
नये-नये कपड़े पहनकर,
सारे पढ़ेंगे ईद की नमाज़।।
बैर-वैमनस्य भूलकर,
सब देंगे एक दूजे को बधाई।
एक माह के रोजे के बाद,
घड़ी आज ये ख़ुशी की आयी।।
देगची भरकर बनेंगे पकवान,
मीठा ज़र्दा, सेंवई और शीर।
खाएँगे जी भरकर हम आज,
और पीयेंगे ठण्डा शरबत और नीर।।
रचयिता
भावना तोमर,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय नं०-1 मवीकलां,
विकास खण्ड-खेकड़ा,
जनपद-बागपत।
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