महात्मा बुद्ध
रहो आत्मा से शुद्ध,
कह गए महात्मा बुद्ध,
मानव तेरे कर्म का,
मार्ग कभी न हो अवरुद्ध।।
करो कर्म सभी महान,
मिलेगा जगत में मान,
सुबह शाम आत्मा से,
कर लो थोड़ा-सा ध्यान।।
कर लो आत्म का ज्ञान,
मानो यही भगवान,
दुनिया में कहाँ ढूँढता,
खुद को लो पहचान।।
दिवस बड़ा है खास,
हुआ बुद्ध का आभास,
शांति, अहिंसा, प्रेम की,
प्रभु जगा गए हैं आस।।
रचयिता
गीता देवी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,
विकास खण्ड- बिधूना,
जनपद- औरैया।
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