ईद का दिन

आओ मिलें गले की ईद का है दिन

मिटा दें सब गिले की ईद का है दिन।।


चेहरों पे न हो किसी मायूसियों का जाल

हो न मरहले की ईद का है दिन।।


मिठास सेवइयों की दिल तक पहुँच जाए

मिटा दें फ़ासले को ईद का है दिन।।


मुश्किलें सभी मिलजुल करें हल

रहे न मसअले की, ईद का है दिन।।


लहरें मोहब्बतों की मौज में हैं आई

दिल के कंवल खिले कि ईद का है दिन


सूफियों सा माहे रमज़ान गुज़र गया

सब है मनचले कि ईद का है दिन।।


रचयिता
कौसर जहाँ,
सहायक अध्यापक, 
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन,
विकास क्षेत्र-पिपरौली,
जनपद-गोरखपुर।



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