मधुमक्खी
मधुमक्खी मैं मधुमक्खी,
छोटी सी प्यारी मधुमक्खी।
नन्हें-नन्हें पंख हैं मेरे,
और है छोटा सा डंक।
उनको सबक सिखाती हूँ,
जो मझको करते हैं तंग।
मधुमक्खी मैं...............
परिवार मेरा है बहुत बड़ा,
मिलजुल कर हम रहते हैं।
अपना फ़र्ज़ निभाने को,
सुख दुःख मिलकर सहते हैं।
मधुमक्खी मैं...............
बड़ी दूर तलक हम जाते हैं,
रस फूलों का चूसकर लाते हैं।
दिन रात कठिन परिश्रम से,
हम मीठा शहद बनाते हैं।
मधुमक्खी मैं...............
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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