रवीन्द्र नाथ टैगोर: देश का अभिमान
विश्व विख्यात कवि और साहित्यकार थे टैगोर,
दार्शनिक और नोबेल पुरस्कार विजेता थे टैगोर।
गुरुदेव रहा जिनका प्यारा उपनाम,
7 मई 1861 को अवतरित हुए टैगोर।।
भारतीय सांस्कृतिक चेतना में डाली नई जान,
युगदृष्टा कवि टैगोर रहे बहुत महान।
नोबेल विजेता एशिया के प्रथम व्यक्ति थे,
इनकी दो रचनाएँ बनीं दो देशों का राष्ट्रगान।।
अध्ययन के साथ जूडो कुश्ती का किया अभ्यास,
इतिहास, खगोल विज्ञान, संस्कृत आया रास।
"मेरी यादों" पुस्तक में गुरु वाणी, नानक वाणी का उल्लेख,
निबंध, नाटक, लघु कथाएँ और लिखे उपन्यास।।
2230 गीतों की रचना किए थे टैगोर,
ध्रुव पद शैली से प्रभावित रहे टैगोर।
मानवीय भावनाओं के अलग-अलग रंग किए प्रस्तुत,
प्रकृति के प्रति अनन्य लगाव रखे थे टैगोर।।
गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार था पाया,
राजा पंचम जॉर्ज से नाइटहुड पदवी को पाया।
जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वापस की पदवी,
6 अगस्त 1941 को जग से किनारा था पाया।।
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