पंडित शिवकुमार शर्मा (संतूर वादक)

अश्रुपूरित क्षति  हुई  भारत  को  आज, 

पं०  शिवकुमार  शर्मा  छोड़ गये  आज।


भारतीय शास्त्रीय संगीतज्ञ और संतूर वादक,

कश्मीरी लोक वाद्य के थे, वह अमर साधक।


13 जनवरी  1938  में,  थे  वह  जन्मे,

हर्ष  हुआ  पिता, पं0 उमा दत्त  के घर में।


तबला और  गायन  की हुई  प्रारंभिक  शिक्षा,

5 वर्ष  की आयु में, पिता ने  दी उन्हें शिक्षा।


पिता  ने  संतूर  पर  किया था अत्यधिक  शोध,

प्रथम भारतीय शास्त्रीय संगीतज्ञ बने, हुआ बोध।


13 वर्ष की आयु में संतूर  बजाना शुरू किया,

1955 मुंबई में पहला पब्लिक स्टेज  किया।


1967 में पं0 चौरसिया व बृजभूषण काबरा के संग,

'काल  ऑफ वैली' संगत में, उन्होंने एल्बम बनाया। 


चाँदनी, लम्हे,  फासले, डर  फिल्मों से भी,

श्री हरि नाम से, उन्होंने खूब प्रसिद्धि पाया। 


आपने अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय  सम्मान को पाया,

 संयुक्त राज्य की मानद नागरिकता को भी अपनाया।


1986 में  संगीत  नाटक अकादमी  सम्मान मिला,

1999 में  पद्मश्री, 2001 में पद्म  विभूषण मिला।


10 मई 2022 के दिन, छोड़ गए ये संसार,

 श्री चरणों में स्थान मिले,  नमन  करूँ मैं  बारम्बार।


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

Comments

Total Pageviews