माँ जीवन आधार
माँ के चरणों में सुख का है संसार,
माँ ही तो है जीवन का आधार।
जगत में कष्ट अनेकों माँ सहती,
पर अपनी पीड़ा कहाँ किससे कहती।
केवल रचती रहती जग का आधार,
माँ के चरणों में सुख का है संसार।
जीवन में पहली माँ ही पाठशाला,
लाती बालक के जीवन में उजाला।
अनुपम अतुलित होता है उसका प्यार,
माँ के चरणों में सुख का है संसार।
खुद भूखी हो पर सुत को भोजन दिया,
सूखा बिस्तर पुत्र दे गीला स्वयं लिया।
छोड़ माँ कौन करत ऐसा व्यवहार,
माँ के चरणों में सुख का है संसार।
वेद पुराण भी माँ की महिमा गाते,
ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी शीश झुकाते।
अपनी माँ का करिये पावन सत्कार
माँ के चरणों में सुख का है संसार।
माँ के चरणों में सुख का है संसार,
माँ ही तो है जीवन का आधार।।
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