अक्षय तृतीया
वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया का योग,
रोहिणी नक्षत्र, रवि योग, शोभन योग का संयोग।
विशेष फलदायक माना जाता है यह योग,
शास्त्रों के अनुसार कार्य के क्षय ना होने का योग।।
दुर्गुण करें भगवान के चरणों में अर्पित,
जीवन करें उसकी साधना में समर्पित।
सद्गुणों का वरदान माँगने की परंपरा,
भगवान विष्णु की पूजा अर्चना है भावार्पित।।
बुंदेलखंड में इस दिन से पूर्णिमा तक है उत्सव,
कृषक समुदाय में कृषि पैदावार का उत्सव।
जैन धर्म के तीर्थंकर ऋषभदेव के पारायण का दिन,
माँ गंगा के धरती पर अवतरण का है उत्सव।।
महर्षि परशुराम का जन्म दिवस है आज,
भंडार की देवी माँ अन्नपूर्णा का जन्म है आज।
कथाएँ कृष्ण सुदामा का मिलन आज बतातीं,
कुबेर को खजाने का मिलना बताते आज।।
सतयुग, त्रेता युग का आज से प्रारंभ जानो,
ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतार मानो।
मान्यता है कि बद्री नारायण के कपाट आज खुलते,
महाभारत के युद्ध के समापन का हुआ था काज।।
बांके बिहारी में आज विग्रह चरण के दर्शन,
खुशियों का हो रहा सब तरफ आगमन।
स्वयं सिद्ध मुहूर्त है अक्षय तृतीया समझो,
खिले-खिले दिखते सभी जन के आनन।।
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