विश्व मधुमक्खी दिवस

फल, फूल, सब्जी उगाने की, प्रक्रिया होती खास,

परागण निषेचित करने में, मधुमक्खियाँ हैं खास।

पौधे के परागण, एक से दूसरे स्थान तक पहुँचातीं,

निषेचित पराग से, फल-सब्जियों की उत्पत्ति होती।।


सम्पूर्ण विश्व के खाद्य उत्पादन का,

33% मधुमक्खियों पर निर्भर होता।

जैव-विविधता के संरक्षण करने को,

पारिस्थितिकी संतुलन प्रदूषण मुक्त होता।।


दिसंबर 2017 में संयुक्त राष्ट्र से सदस्य राज्य ने,

विश्व मधुमेह दिवस को, स्लोवेनिया प्रस्ताव माना।

मधुमक्खियों के संरक्षण और महत्व को

मानव विकास में महत्वपूर्ण स्थान माना।।


एंटोन जना थे, मधुमक्खी पालन के प्रणेता, 

20 मई 1734 को, उनका जन्म हुआ था।

प्रतिवर्ष 20 मई को, मधुमक्खी दिवस मनाते हैं,

मधुमक्खी पालन हेतु, जनजागरूकता लाते हैं।।


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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