३००~ विंधादीन (सहायक अध्यापक) प्राथमिक विद्यालय जरौली, असोथर, फ़तेहपुर

💎🏅अनमोल रत्न🏅💎

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद फतेहपुर से अनमोल रत्न शिक्षक भाई विंधादीन जी से परिचय करवा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से, भले ही विद्यालय के परिवेश को आकर्षक न बना पाया हो, लेकिन आपने वह कर दिखाया जो एक आदर्श विद्यालय और शिक्षक के सफल प्रयासों को प्रमाणित करता है। विद्यालय के प्रति सामाजिक विश्वास को उसके आंकड़े प्रमाणित करते है जिसमें नामांकन 137 से बढ़कर 254, और उपस्थिति का प्रतिशत 55% से बढ़कर 90% का होना। साथ ही बच्चों को वर्तमान समय की सबसे आवश्यक शिक्षा जाति-धर्म और व्यसनों की भयानकता से बचाकर मानवता की ओर अग्रसर करना।
मिशन शिक्षण संवाद परिवार ऐसे अनमोल रत्न शिक्षक साथियों को बार-बार नमन करता है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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💁🏻‍♂नाम- विंधादीन
पद- प्रभारी प्रधानाध्यापक
नियुक्ति वर्ष- 4 जनवरी-2011

👉🏻 मेरी नियुक्ति के समय विद्यालय का नामांकन 137 था तथा उपस्थिति लगभग 55% के आसपास रहती थी। नियुक्ति के बाद मैंने सर्वप्रथम नामांकन पर विशेष बल दिया और परिणामस्वरूप छात्र संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी, जो आज 254 हो चुकी है। साथ ही उपस्थिति पर ध्यान केंद्रित करके आज लगभग 90% कर दिया है।
प्रारम्भ में बच्चे तम्बाकू, पान, मसाला आदि खाते थे। मैंने उनके इस लत को दूर किया। तत्पश्चात शिक्षा की गुणवत्ता में लग गया।
👉🏻 विद्यालय का परिवेश आकर्षक न होने की वजह से मैंने स्वयं के वेतन से विद्यालय के परिवेश व संसाधनों को बेहतर बनाया।
👉🏻 विद्यालय के विकास में सहयोग करने वाले शिक्षक- श्री शिरोमणि सिंह, श्री अवधेश कुमार, अभिषेक सिंह, ग्रामवासी सहयोगी श्री राम सागर, श्री मलखान सिंह एव समस्त प्रबन्ध समिति।
👉🏻 विद्यालय में वर्तमान छात्र नामांकन 254 है, और बच्चों की उपस्थिति लगभग 90% बनी रहती है। अर्थात नामांकन व उपस्थिति दोनों में ही पूर्व की अपेक्षा बढ़ोत्तरी हुई है।
👉🏻 नामांकन व उपस्थिति में वृद्धि के लिए मैंने निम्नलिखित उपाय किये-
1. अभिभावकों से नियमित सम्पर्क किया।
2. जाति भेद और छुआ-छूत जैसी समाज विभाजक कुरीति को अपने विद्यालय से दूर किया।
3. राष्ट्रीय पर्वों को विद्यालय में बेहतर और सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित किया जाने लगा।
4. शैक्षिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए इसमें उत्तरोत्तर संवर्धन किया गया।
5. शिक्षण को सहायक सामग्री के साथ और अधिक रोचक बनाकर शिक्षण कार्य किया जाने लगा।
👉🏻 अभिभावकों की नियमित बैठक आयोजित करके उन्हें जागरूक किया गया।
👉🏻 कमजोर बच्चों की अलग व्यवस्था करके उन्हें अन्य बच्चों के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया।
👉🏻 प्रार्थना सभा को अधिक प्रभावशाली बनाते हुए प्रतिदिन एक महापुरुष के बारे में चर्चा की जाने लगी।
👉🏻 विभन्न प्रकार की कहानियों के द्वारा बच्चों को प्रेरित किया जाने लगा।
👉🏻 ग्रामीणों को सरकारी विद्यालय के प्रति जागरूक किया गया व अपने अपने बच्चों को सरकारी विद्यालय में नामांकित कराने के लिए प्रेरित किया गया।

💁🏻‍♂ नाम- विंधादीन
पद- सहायक अध्यापक
विद्यालय- प्राथमिक विद्यालय जरौली
विकास खण्ड- असोथर
जनपद- फ़तेहपुर
संकलन: बबलू सोनी
मिशन शिक्षण संवाद फतेहपुर







👉नोट:- आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

निवेदक: विमल कुमार
24-02-2019

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