संत श्री रविदास
चौदह सौ तैंतीस की माघ पूर्णिमा पन्दरास,
दुखियों के कल्याण हेतु प्रगटे श्री रविदास।
जिनकी माता कालसा देवी पिता श्री सन्तोषदास,
जन्म हुआ बनारस में, थे ईश्वर के सच्चे दास।
महान संत, समाज सुधारक, निर्गुण सम्प्रदाय के अनुनायी,
प्रेम, सौहार्द, सहानूभूति की बातें सबको बतलायीं।
अपने पुण्य प्रताप से कुष्ठ रोगियो की लाज बचायी,
'मन चंगा कठौती मे गंगा' यह बात जीवन में अपनायी।
दुखियों के कल्याण हेतु प्रगटे श्री रविदास।
जिनकी माता कालसा देवी पिता श्री सन्तोषदास,
जन्म हुआ बनारस में, थे ईश्वर के सच्चे दास।
महान संत, समाज सुधारक, निर्गुण सम्प्रदाय के अनुनायी,
प्रेम, सौहार्द, सहानूभूति की बातें सबको बतलायीं।
अपने पुण्य प्रताप से कुष्ठ रोगियो की लाज बचायी,
'मन चंगा कठौती मे गंगा' यह बात जीवन में अपनायी।
रचयिता
अभिषेक शुक्ला,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय लदपुरा,
विकास क्षेत्र-अमरिया,
जिला-पीलीभीत।
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