शिक्षक उत्प्रेरणा
प्यारे बच्चों जाओ स्कूल,
जड़ता का होगा नाश समूल।
गुरुजी गुण सिखायें खूब,
सर्दी हो, वर्षा हो या धूप।।
कभी न लायें आप आलस्य,
शिष्यों का करना मार्ग प्रशस्त।
पूरी निष्ठा व लगन के साथ,
पुण्य कार्य व करें परमार्थ।
आप में हो ऐसी जागृति,
इस समाज में न हो विकृति।
भरें शिष्यों में देशप्रेम का भाव,
आगे बढ़ती रहे देश की नाव।।
अपनी खोयी मर्यादा, सम्मान,
प्राप्त करें फिर बनें महान।
कभी न हो आपका अपमान,
शिक्षा से सब हों सम्भ्रान्त।।
बच्चे, बूढ़े एवं जवान सभी,
भूलें न आपका मान कभी।
देते रहें हम सदा विद्या दान,
जीवन में बनें सभी महान।।
ऐसा हो हमारा अचूक लक्ष्य,
विकसित हो भारत, बने दक्ष।
करते रहें हम प्यारा कार्य,
शिक्षा हो सबको अपरिहार्य।
तभी करेंगे प्रसन्नता का अनुभव,
विकिर्णित होगा अनोखा विभव।
कोई न होगी हमारे प्रति भ्रान्ति,
सुखी हो समाज, फैलेगी शान्ति।।
रचयिता
रवीन्द्र शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार,
विकास क्षेत्र-परतावल,
जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।
जड़ता का होगा नाश समूल।
गुरुजी गुण सिखायें खूब,
सर्दी हो, वर्षा हो या धूप।।
कभी न लायें आप आलस्य,
शिष्यों का करना मार्ग प्रशस्त।
पूरी निष्ठा व लगन के साथ,
पुण्य कार्य व करें परमार्थ।
आप में हो ऐसी जागृति,
इस समाज में न हो विकृति।
भरें शिष्यों में देशप्रेम का भाव,
आगे बढ़ती रहे देश की नाव।।
अपनी खोयी मर्यादा, सम्मान,
प्राप्त करें फिर बनें महान।
कभी न हो आपका अपमान,
शिक्षा से सब हों सम्भ्रान्त।।
बच्चे, बूढ़े एवं जवान सभी,
भूलें न आपका मान कभी।
देते रहें हम सदा विद्या दान,
जीवन में बनें सभी महान।।
ऐसा हो हमारा अचूक लक्ष्य,
विकसित हो भारत, बने दक्ष।
करते रहें हम प्यारा कार्य,
शिक्षा हो सबको अपरिहार्य।
तभी करेंगे प्रसन्नता का अनुभव,
विकिर्णित होगा अनोखा विभव।
कोई न होगी हमारे प्रति भ्रान्ति,
सुखी हो समाज, फैलेगी शान्ति।।
रचयिता
रवीन्द्र शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार,
विकास क्षेत्र-परतावल,
जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।
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