३०१~ खिलेन्द्र सिंह (प्र.अ.) प्रा०वि० चंगेरी, डिलारी, मुरादाबाद
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- मुरादाबाद से बेसिक शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए सतत प्रयासरत शिक्षक साथी खिलेन्द्र सिंह जी से करा रहे हैं। जिन्होंने ने अपनी सकारात्मक सोच और योग को जन-जीवन से जोड़ते हुए अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय प्रयास है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये सतत प्रेरक प्रयासों को।
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2278672455743672&id=1598220847122173
मेरा नाम खिलेन्द्र सिंह है शिक्षा विभाग में मेरी पहली नियुक्ति 20 दिसंबर 2010 को प्रा०वि० कैशोनगली, ब्लॉक-स्वार, जनपद-रामपुर में स०अ० के पद पर हुई 10 दिन बाद प्रधानाध्यापिका प्रसुति अवकाश पर चली गई स्कूल का चार्ज हमारे पास आ गया। उस समय 65 बच्चे पंजीकृत थे। हमने लगातार जनसंपर्क किये, खेल खिलाना, अच्छे से पढ़ाने के प्रभाव से पड़ोस के गाँव के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी हमारे यहाँ आने आरम्भ हो गये। अब हमारे यहाँ छात्र संख्या 126 हो गयी।
सुबह प्रार्थना और P.T. के समय गांव के कुछ लोग नियमित आकर स्कूल में देखा करते थे। जिससे गाँव में एक सकारात्मक संदेश गया। 25 अप्रैल 2015 को हमारा प्रमोशन हुआ और हमारी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय बहादुरगंज ब्लॉक- बिलासपुर रामपुर में हुई। उस समय वहां पर एक शिक्षा मित्र थे और छात्रसंख्या 45 थी। आने वाले बहुत कम समय में हमारे अथक प्रयासों से वहाँ की छात्र संख्या 85 हो गई। बिलासपुर, मैं प्रतिदिन अपने ही घर मुरादाबाद से जाता था क्योंकि मेरी मां बहुत सख़्त बीमार चल रही थी। स्कूल की दूरी लगभग 95 किलोमीटर एक तरफ से थी उसमें एक पीला खार नाम की नदी क्रॉस कर के नदी में घुसकर के जाना होता था। गांव में रैली निकालना, अच्छे से पढ़ाना, नयी-नयी एक्टिविटी करना हमारी आदत रही है।
13 अप्रैल 2017 को हमारा अंतर जनपद स्थानांतरण प्राथमिक विद्यालय आलमपुर, ब्लॉक-डिलारी जनपद- मुरादाबाद में हुआ। तब यहाँ एक शिक्षामित्र के पास चार्ज था। 31 बच्चे पंजीकृत थे और आने वालों की संख्या 7- 8 थी।स्कूल की हालत देख कर अत्यंत दुख हुआ परंतु हिम्मत नहीं हारी। अपने लगातार प्रयास लोगों से संपर्क बच्चों को अच्छे से खिलाना योग सीखना मन से पढ़ाई करना देखते ही देखते हमारे यहां बच्चों की संख्या 101 पहुंच गई। इस गांव में चार प्राइवेट स्कूल भी थे जिनके बच्चे हमारे यहां आने शुरु हो गए प्राइवेट स्कूल के टीचर काफी परेशान थे बच्चों को एवं अभिभावकों को घर जाकर कई प्रकार के लालच भी दिया करते थे सरकारी स्कूलों को बदनाम करने की पूरी कोशिश करते थे परंतु हमने पुरी हिम्मत और साहस से अपने बच्चों को उन से अधिक श्रेष्ठ कर के अभिभावकों की मीटिंग करके उनको यह दिखाया कि वहाँ के प्राइवेट स्कूलों में वह पढ़ाई नहीं हो पाई जो हमारे सरकार स्कूलों में फ्री में हो सकती है उन्हें विभिन्न प्रकार की सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही हैं। इस प्रकार हमारा लोहा पूरे गाँव ने माना। अब 1 सितंबर 2018 को हमारा पारस्परिक स्थानांतरण प्राथमिक विद्यालय चंगेरी ब्लॉक डिलारी जनपद मुरादाबाद को हुआ। इस गांव में मात्र 40 घर हैं जो पूरी तरह संपन्न है उनके बच्चे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने जाते हैं। स्कूल में छात्र संख्या 43 थी परंतु आने वालों की संख्या बहुत थी दुखद। पहले दिन हमें एक बच्चा बैठा मिला। एक सितंबर से चार सितम्बर 2018 तक मात्र 4 दिन में हमारे द्वारा पड़ोसी गांव में सुबह से रात तक घर-घर जनसंपर्क करने से हमारे यहाँ 81 नामांकन हो गया। 4 सितंबर को शिक्षक दिवस के उपलक्ष में दैनिक जागरण द्वारा कराए गए कार्यक्रम में जिलाधिकारी महोदय द्वारा सम्मानित किया गया। स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या भी 70% से 80% रहती है तथा हमारे अथक प्रयासों एवं जनसंपर्क से पड़ोसी गांव के बच्चे जहाँ पहले से सरकार द्वारा बनाये इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं। वहाँ से पढ़ने आते है। हमने स्कूल में लगभग ₹65000 खर्च करके स्कूल को पूरी तरह से चेंज करने का प्रयास किया है। बच्चों को टाई, बैल्ट, आई कार्ड आदि दिया गया है। स्कूल में कांटेदार झाड़ियां बेकार कि वनस्पति एवं गंदगी थी उन्हें काट कर साफ करके हमने किचन गार्डन बनाया है उसमें मूली गाजर मेथी भिण्डी धनिया इत्यादि लगवाई गई है। आज स्कूल का का वातावरण देखने योग्य रहा है। यह सब मिशन शिक्षण संवाद का एक जादूई करिश्मा है। भगीरथ रूपी हमारे परम आदरणीय विमल कुमार सर जी के द्वारा बहाई गई गंगा रूपी मिशन शिक्षण संवाद को एवं उनकी पूरी टीम को हृदय की गहराइयों से कोटि-कोटि नमन करता हूँ मुझे बहन श्रीमती संयोगिता जी द्वारा अप्रैल 17 में मिशन शिक्षण संवाद से जोड़ा गया इसके बाद इनके एक्टिविटी से मैंने अद्भुत कमाल महसूस किया। मेरे पास तारीफ करने के लिए शब्द नहीं है। इनके द्वारा हमने पुरानी किताबों को दान में लेकर एक लाइब्रेरी की स्थापना की गई है जिससे हमारा समाज एवं स्कूल के बच्चे अद्भुत लाभ प्राप्त कर रहे हैं। हमारे स्कूल में एक योग केंद्र की स्थापना की गई है जहाँ पर बच्चों को रोज योग सिखाया जाता है। हमारे स्कूल के बच्चे जिला स्तर पर योगा में पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।यह सब कमाल हमें मिशन शिक्षण संवाद के आपसी सहयोग से प्राप्त हुआ है।
खिलेन्द्र सिंह (प्र.अ.)
प्रा०वि० चंगेरी, वि०ख०- डिलारी, जनपद-मुरादाबाद
संकलन: बहन संयोगिता जी
मिशन शिक्षण संवाद मुरादाबाद
👉नोट:- आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
निवेदक: विमल कुमार
25-02-2019
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- मुरादाबाद से बेसिक शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए सतत प्रयासरत शिक्षक साथी खिलेन्द्र सिंह जी से करा रहे हैं। जिन्होंने ने अपनी सकारात्मक सोच और योग को जन-जीवन से जोड़ते हुए अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय प्रयास है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये सतत प्रेरक प्रयासों को।
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2278672455743672&id=1598220847122173
मेरा नाम खिलेन्द्र सिंह है शिक्षा विभाग में मेरी पहली नियुक्ति 20 दिसंबर 2010 को प्रा०वि० कैशोनगली, ब्लॉक-स्वार, जनपद-रामपुर में स०अ० के पद पर हुई 10 दिन बाद प्रधानाध्यापिका प्रसुति अवकाश पर चली गई स्कूल का चार्ज हमारे पास आ गया। उस समय 65 बच्चे पंजीकृत थे। हमने लगातार जनसंपर्क किये, खेल खिलाना, अच्छे से पढ़ाने के प्रभाव से पड़ोस के गाँव के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी हमारे यहाँ आने आरम्भ हो गये। अब हमारे यहाँ छात्र संख्या 126 हो गयी।
सुबह प्रार्थना और P.T. के समय गांव के कुछ लोग नियमित आकर स्कूल में देखा करते थे। जिससे गाँव में एक सकारात्मक संदेश गया। 25 अप्रैल 2015 को हमारा प्रमोशन हुआ और हमारी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय बहादुरगंज ब्लॉक- बिलासपुर रामपुर में हुई। उस समय वहां पर एक शिक्षा मित्र थे और छात्रसंख्या 45 थी। आने वाले बहुत कम समय में हमारे अथक प्रयासों से वहाँ की छात्र संख्या 85 हो गई। बिलासपुर, मैं प्रतिदिन अपने ही घर मुरादाबाद से जाता था क्योंकि मेरी मां बहुत सख़्त बीमार चल रही थी। स्कूल की दूरी लगभग 95 किलोमीटर एक तरफ से थी उसमें एक पीला खार नाम की नदी क्रॉस कर के नदी में घुसकर के जाना होता था। गांव में रैली निकालना, अच्छे से पढ़ाना, नयी-नयी एक्टिविटी करना हमारी आदत रही है।
13 अप्रैल 2017 को हमारा अंतर जनपद स्थानांतरण प्राथमिक विद्यालय आलमपुर, ब्लॉक-डिलारी जनपद- मुरादाबाद में हुआ। तब यहाँ एक शिक्षामित्र के पास चार्ज था। 31 बच्चे पंजीकृत थे और आने वालों की संख्या 7- 8 थी।स्कूल की हालत देख कर अत्यंत दुख हुआ परंतु हिम्मत नहीं हारी। अपने लगातार प्रयास लोगों से संपर्क बच्चों को अच्छे से खिलाना योग सीखना मन से पढ़ाई करना देखते ही देखते हमारे यहां बच्चों की संख्या 101 पहुंच गई। इस गांव में चार प्राइवेट स्कूल भी थे जिनके बच्चे हमारे यहां आने शुरु हो गए प्राइवेट स्कूल के टीचर काफी परेशान थे बच्चों को एवं अभिभावकों को घर जाकर कई प्रकार के लालच भी दिया करते थे सरकारी स्कूलों को बदनाम करने की पूरी कोशिश करते थे परंतु हमने पुरी हिम्मत और साहस से अपने बच्चों को उन से अधिक श्रेष्ठ कर के अभिभावकों की मीटिंग करके उनको यह दिखाया कि वहाँ के प्राइवेट स्कूलों में वह पढ़ाई नहीं हो पाई जो हमारे सरकार स्कूलों में फ्री में हो सकती है उन्हें विभिन्न प्रकार की सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही हैं। इस प्रकार हमारा लोहा पूरे गाँव ने माना। अब 1 सितंबर 2018 को हमारा पारस्परिक स्थानांतरण प्राथमिक विद्यालय चंगेरी ब्लॉक डिलारी जनपद मुरादाबाद को हुआ। इस गांव में मात्र 40 घर हैं जो पूरी तरह संपन्न है उनके बच्चे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने जाते हैं। स्कूल में छात्र संख्या 43 थी परंतु आने वालों की संख्या बहुत थी दुखद। पहले दिन हमें एक बच्चा बैठा मिला। एक सितंबर से चार सितम्बर 2018 तक मात्र 4 दिन में हमारे द्वारा पड़ोसी गांव में सुबह से रात तक घर-घर जनसंपर्क करने से हमारे यहाँ 81 नामांकन हो गया। 4 सितंबर को शिक्षक दिवस के उपलक्ष में दैनिक जागरण द्वारा कराए गए कार्यक्रम में जिलाधिकारी महोदय द्वारा सम्मानित किया गया। स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या भी 70% से 80% रहती है तथा हमारे अथक प्रयासों एवं जनसंपर्क से पड़ोसी गांव के बच्चे जहाँ पहले से सरकार द्वारा बनाये इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं। वहाँ से पढ़ने आते है। हमने स्कूल में लगभग ₹65000 खर्च करके स्कूल को पूरी तरह से चेंज करने का प्रयास किया है। बच्चों को टाई, बैल्ट, आई कार्ड आदि दिया गया है। स्कूल में कांटेदार झाड़ियां बेकार कि वनस्पति एवं गंदगी थी उन्हें काट कर साफ करके हमने किचन गार्डन बनाया है उसमें मूली गाजर मेथी भिण्डी धनिया इत्यादि लगवाई गई है। आज स्कूल का का वातावरण देखने योग्य रहा है। यह सब मिशन शिक्षण संवाद का एक जादूई करिश्मा है। भगीरथ रूपी हमारे परम आदरणीय विमल कुमार सर जी के द्वारा बहाई गई गंगा रूपी मिशन शिक्षण संवाद को एवं उनकी पूरी टीम को हृदय की गहराइयों से कोटि-कोटि नमन करता हूँ मुझे बहन श्रीमती संयोगिता जी द्वारा अप्रैल 17 में मिशन शिक्षण संवाद से जोड़ा गया इसके बाद इनके एक्टिविटी से मैंने अद्भुत कमाल महसूस किया। मेरे पास तारीफ करने के लिए शब्द नहीं है। इनके द्वारा हमने पुरानी किताबों को दान में लेकर एक लाइब्रेरी की स्थापना की गई है जिससे हमारा समाज एवं स्कूल के बच्चे अद्भुत लाभ प्राप्त कर रहे हैं। हमारे स्कूल में एक योग केंद्र की स्थापना की गई है जहाँ पर बच्चों को रोज योग सिखाया जाता है। हमारे स्कूल के बच्चे जिला स्तर पर योगा में पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।यह सब कमाल हमें मिशन शिक्षण संवाद के आपसी सहयोग से प्राप्त हुआ है।
खिलेन्द्र सिंह (प्र.अ.)
प्रा०वि० चंगेरी, वि०ख०- डिलारी, जनपद-मुरादाबाद
संकलन: बहन संयोगिता जी
मिशन शिक्षण संवाद मुरादाबाद
👉नोट:- आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
निवेदक: विमल कुमार
25-02-2019
आपको बहुत बधाई खिलेंद्र जी।
ReplyDeleteटीम मिशन शिक्षण संवाद को भी शुभकामनाएं आपका परिवार खूब फले-फूले।
Nice work by khilendra sir
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