सन्तुलित आहार
साहित्य विज्ञान
कक्षा-5
विषय-विज्ञान
पाठ-5-कुपोषण तथा इसके प्रभाव--
प्रकरण -"सन्तुलित आहार"
(काव्यमय प्रस्तुति)
स्वस्थ जीवन हेतु हम सबको,
निम्न तथ्य से अवगत होना होगा।
भोजन नित है वह करना होगा,
जिसमें निम्न यह, पाँचों अवयव होगा।।
(1)-कर्बोहाइड्रेट -
आलू, मक्का, गेहूँ, चावल,
मीठे-मीठे आम, पपीते जैसे फल,
गुड़, गन्ना-रस औ सभी मिठाई,
उर्जा के सब स्रोत ये भाई।
तन-मन को मिलती जब उर्जा,
क्रियाशील हो उठता तन पुर्जा।
क्रियाशील हो करते सब काम,
होती इससे जैव-क्रिया तमाम।।
(2)-प्रोटीन
वृद्घि-विकास होती शरीर की,
इसे मिलता जब भरपूर प्रोटीन।
मटर, चना, अरहर, उड़द की दाल,
शाकाहार में ये इसके स्रोत कमाल।।
दूध, दही व दुग्ध उत्पाद,
पर सोयाबीन सबका उस्ताद।
चिकन, माँस, मछली व अण्डा,
माँसाहार में स्रोत ये फंडा।।
उपजे रोग, कर्बोज-प्रोटीन कमी से,
मेरस्मस और क्वायसरकोर।
आता पेट निकल, ग्रसित बच्चे का,
हो जाता पतला, हाथ-पैर सब पोर।।
रुकती वृद्धि-विकास है तन की,
और कमी बाल की सिर के छोर।।
(3)-वसा -(Fat)
संचित वसा, अधो-त्वचा के,
औ- जमा, मसल में चर्बी रूप।
है कवच रूप में करती काम,
अंकुश है एन्ट्री, रोगाणु बहुरूप।।
उर्जा भी यह देती, बन विकल्प कर्बोज,
कैलोरी सबसे ज्यादा, है उर्जा ओज ।।
(4)-विटामिन्स -
विटामिन्स रोग -रोधी होते,
सम्यक रखते जैविक काम।
इनकी कमी खटकती तन को,
इनपे भी हो समुचित ध्यान।।
(।)-विटामिन -"A"
विटा-"A"नैन-रेटीना ज्योति बढ़ाता,
त्वचा, इम्यून भी सुदृढ़ बनाता।
कमी से इसके हो जाती रतौंधी,
अन्धकार में आती औंधी।।
हरा साग-मिर्चा, पका-पपीता इसके स्रोत,
वीटा-"A"से भाई, गाजर होता ओत-प्रोत।।
(।।)-विटामिन-"B"-
हरित सब्जियों में यह होता, है ना हमसे दूर
अन्न के छिलके में पाया जाता यह भरपूर।
कमी से इसके मुँह-होंठ है फटता,
हाथ-पैर में दर्द है रहता, होती झुनझुनाहट।
बिगड़े पाचन, औ- रहे खुरदरी त्वचा,
हो जा चैतन्य तब, पाकर यह सब आहट।
लक्षण हो उपरोक्त सभी, तब रोग है बेरी-2
चोकरमय आटा खाओ, ठीक रहोगेvery।।
(।।।)विटा-"C"-
रहे मसूड़ों में यदि सूजन,
आता उनसे रिस-रिस खून,
समझो तब तुम ग्रसित हो भाई,
स्कर्वी रोग से दूनम-दून।
हो जाए जब ऐसी हालत तब,
खाओ खुब खट्टे-मीठे फल।
यदि आँवला सेवन हो करते,
तब इसका निकले जल्दी हल।।
(।।।।)विटा-"D"-
विटा-"D"है बिल्कुल खास,
इसको देता सूर्य-प्रकाश।
कैल्शियम-फास्फोरस का यह बूत,
करता हड्डी सुदृढ़ मजबूत।
इसकी कमी से रिकेट्स रोग,
बेदम टेढ़ी-मेढ़ी हड्डी ले भोग।
अवयव (5)-"खनिज लवण"----
खनिज-लवण हैं भू के तत्व,
फल, हरित साग से मिलते ए सत्व।
जैव-रसायन में इनका रोल,
बिन इनके सब गोल- मटोल।।
लौह-तत्व इन सब में अलबेला,
इसके बिन चले न खून का खेला।
रक्त की कमी जब हमें सताती,
तब यह "एनीमिया" कहलाती।
कमजोरी तब हमें है आती,
नीली-पीली काया हो जाती।
तब होजा तू अति सावधान,
वरना रुधिर चढ़वाने का झाम।
पालक, मेथी, अनार का फल,
का नित-सेवन करता हल।।
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान
धन्यवाद।
रचयिता
विजय मेहंदी,
सहायक अध्यापक,
KPS(E.M.School)Shudanipur,Madiyahu,
जनपद-जौनपुर।
कक्षा-5
विषय-विज्ञान
पाठ-5-कुपोषण तथा इसके प्रभाव--
प्रकरण -"सन्तुलित आहार"
(काव्यमय प्रस्तुति)
स्वस्थ जीवन हेतु हम सबको,
निम्न तथ्य से अवगत होना होगा।
भोजन नित है वह करना होगा,
जिसमें निम्न यह, पाँचों अवयव होगा।।
(1)-कर्बोहाइड्रेट -
आलू, मक्का, गेहूँ, चावल,
मीठे-मीठे आम, पपीते जैसे फल,
गुड़, गन्ना-रस औ सभी मिठाई,
उर्जा के सब स्रोत ये भाई।
तन-मन को मिलती जब उर्जा,
क्रियाशील हो उठता तन पुर्जा।
क्रियाशील हो करते सब काम,
होती इससे जैव-क्रिया तमाम।।
(2)-प्रोटीन
वृद्घि-विकास होती शरीर की,
इसे मिलता जब भरपूर प्रोटीन।
मटर, चना, अरहर, उड़द की दाल,
शाकाहार में ये इसके स्रोत कमाल।।
दूध, दही व दुग्ध उत्पाद,
पर सोयाबीन सबका उस्ताद।
चिकन, माँस, मछली व अण्डा,
माँसाहार में स्रोत ये फंडा।।
उपजे रोग, कर्बोज-प्रोटीन कमी से,
मेरस्मस और क्वायसरकोर।
आता पेट निकल, ग्रसित बच्चे का,
हो जाता पतला, हाथ-पैर सब पोर।।
रुकती वृद्धि-विकास है तन की,
और कमी बाल की सिर के छोर।।
(3)-वसा -(Fat)
संचित वसा, अधो-त्वचा के,
औ- जमा, मसल में चर्बी रूप।
है कवच रूप में करती काम,
अंकुश है एन्ट्री, रोगाणु बहुरूप।।
उर्जा भी यह देती, बन विकल्प कर्बोज,
कैलोरी सबसे ज्यादा, है उर्जा ओज ।।
(4)-विटामिन्स -
विटामिन्स रोग -रोधी होते,
सम्यक रखते जैविक काम।
इनकी कमी खटकती तन को,
इनपे भी हो समुचित ध्यान।।
(।)-विटामिन -"A"
विटा-"A"नैन-रेटीना ज्योति बढ़ाता,
त्वचा, इम्यून भी सुदृढ़ बनाता।
कमी से इसके हो जाती रतौंधी,
अन्धकार में आती औंधी।।
हरा साग-मिर्चा, पका-पपीता इसके स्रोत,
वीटा-"A"से भाई, गाजर होता ओत-प्रोत।।
(।।)-विटामिन-"B"-
हरित सब्जियों में यह होता, है ना हमसे दूर
अन्न के छिलके में पाया जाता यह भरपूर।
कमी से इसके मुँह-होंठ है फटता,
हाथ-पैर में दर्द है रहता, होती झुनझुनाहट।
बिगड़े पाचन, औ- रहे खुरदरी त्वचा,
हो जा चैतन्य तब, पाकर यह सब आहट।
लक्षण हो उपरोक्त सभी, तब रोग है बेरी-2
चोकरमय आटा खाओ, ठीक रहोगेvery।।
(।।।)विटा-"C"-
रहे मसूड़ों में यदि सूजन,
आता उनसे रिस-रिस खून,
समझो तब तुम ग्रसित हो भाई,
स्कर्वी रोग से दूनम-दून।
हो जाए जब ऐसी हालत तब,
खाओ खुब खट्टे-मीठे फल।
यदि आँवला सेवन हो करते,
तब इसका निकले जल्दी हल।।
(।।।।)विटा-"D"-
विटा-"D"है बिल्कुल खास,
इसको देता सूर्य-प्रकाश।
कैल्शियम-फास्फोरस का यह बूत,
करता हड्डी सुदृढ़ मजबूत।
इसकी कमी से रिकेट्स रोग,
बेदम टेढ़ी-मेढ़ी हड्डी ले भोग।
अवयव (5)-"खनिज लवण"----
खनिज-लवण हैं भू के तत्व,
फल, हरित साग से मिलते ए सत्व।
जैव-रसायन में इनका रोल,
बिन इनके सब गोल- मटोल।।
लौह-तत्व इन सब में अलबेला,
इसके बिन चले न खून का खेला।
रक्त की कमी जब हमें सताती,
तब यह "एनीमिया" कहलाती।
कमजोरी तब हमें है आती,
नीली-पीली काया हो जाती।
तब होजा तू अति सावधान,
वरना रुधिर चढ़वाने का झाम।
पालक, मेथी, अनार का फल,
का नित-सेवन करता हल।।
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान
धन्यवाद।
रचयिता
विजय मेहंदी,
सहायक अध्यापक,
KPS(E.M.School)Shudanipur,Madiyahu,
जनपद-जौनपुर।
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