नन्ही फुहार
नन्ही बूँदें कितनी प्यारी,
इनसे खिलती बगिया सारी।
बारिश देख बच्चे हर्षाये,
सब पानी में नाव तैराएँ।
भारत माँ के सेवक हम,
देश की रक्षा करते हम।
माँ को ना कभी लुटने देंगे,
तिरंगा ना कभी झुकने देंगे।
आया बसंत हैं खिले फूल,
बगिया बन के मिले-जुले फूल,
ना धर्म देखते, ना देखते जाति,
सारे जग को महकाते फूल।
किताबों का संसार अनोखा,
नहीं किसी को देतीं धोखा।
सारे जग का ज्ञान करातीं,
सत्य बताकर नहीं झुठलातीं।
आओ हम सब चलें स्कूल,
सबसे प्यारा हमारा प्राइमरी स्कूल।
मुफ्त में शिक्षा और खान-पान देता,
अच्छे नागरिक बनने का ज्ञान देता।
मम्मी कब आएँगे पापा,
मुझे पसंद हैं मेरे पापा।
मुझको कंधों पर बिठलाते,
सारे जग की सैर कराते।
हम हैं प्यारे-प्यारे गुलाब
पढ़-लिखकर बनेंगे लाजवाब
भारत को विश्व-गुरु बनाएंगे
सारे जग को महकायेंगे।
इनसे खिलती बगिया सारी।
बारिश देख बच्चे हर्षाये,
सब पानी में नाव तैराएँ।
भारत माँ के सेवक हम,
देश की रक्षा करते हम।
माँ को ना कभी लुटने देंगे,
तिरंगा ना कभी झुकने देंगे।
आया बसंत हैं खिले फूल,
बगिया बन के मिले-जुले फूल,
ना धर्म देखते, ना देखते जाति,
सारे जग को महकाते फूल।
किताबों का संसार अनोखा,
नहीं किसी को देतीं धोखा।
सारे जग का ज्ञान करातीं,
सत्य बताकर नहीं झुठलातीं।
आओ हम सब चलें स्कूल,
सबसे प्यारा हमारा प्राइमरी स्कूल।
मुफ्त में शिक्षा और खान-पान देता,
अच्छे नागरिक बनने का ज्ञान देता।
मम्मी कब आएँगे पापा,
मुझे पसंद हैं मेरे पापा।
मुझको कंधों पर बिठलाते,
सारे जग की सैर कराते।
हम हैं प्यारे-प्यारे गुलाब
पढ़-लिखकर बनेंगे लाजवाब
भारत को विश्व-गुरु बनाएंगे
सारे जग को महकायेंगे।
रचयिता
रीता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेहट नंबर-एक,
विकास क्षेत्र-साढोली कदीम,
जनपद-सहारनपुर।
जनपद-सहारनपुर।
Very nice
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteअति सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद निर्भय भाई
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद
DeleteBahutsunder
DeleteBhaut sunder mam.....
ReplyDeletenice
ReplyDeleteबहुत अच्छी
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