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पापा मेरा नाम लिखा दो सरकारी स्कूल में।
सरकारी स्कूल की अजब है बात,
अजब है बात, भइया गजब है बात,
पापा मेरा नाम लिखा दो सरकारी स्कूल में।।
योग्य और अनुभवी शिक्षक यहाँ पे पढ़ाते,
रोज नई नई बातें हमको बताते,
कंप्यूटर की डिजिटल इंडिया सरकारी स्कूल में ।
पापा मेरा नाम लिखा दो सरकारी स्कूल में।।
भयमुक्त वातावरण यहाँ पे रहता,
बिन टीसी के एडमिशन होता,
भोजन, कपड़ा सब मिलता सरकारी स्कूल में ।
पापा मेरा नाम लिखा दो सरकारी स्कूल में ।।
स्वास्थ्य परीक्षण यहाँ पर होंवे,
जीने के तरीके यहाँ पर सीखे,
बच्चों जैसा प्यार मिलता सरकारी स्कूल में।
पापा मेरा नाम लिखा दो,
सरकारी स्कूल में।।
रचयिता
अनुरंजना सिंह,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोठिलिहाई,
जनपद-चित्रकूट।
सरकारी स्कूल की अजब है बात,
अजब है बात, भइया गजब है बात,
पापा मेरा नाम लिखा दो सरकारी स्कूल में।।
योग्य और अनुभवी शिक्षक यहाँ पे पढ़ाते,
रोज नई नई बातें हमको बताते,
कंप्यूटर की डिजिटल इंडिया सरकारी स्कूल में ।
पापा मेरा नाम लिखा दो सरकारी स्कूल में।।
भयमुक्त वातावरण यहाँ पे रहता,
बिन टीसी के एडमिशन होता,
भोजन, कपड़ा सब मिलता सरकारी स्कूल में ।
पापा मेरा नाम लिखा दो सरकारी स्कूल में ।।
स्वास्थ्य परीक्षण यहाँ पर होंवे,
जीने के तरीके यहाँ पर सीखे,
बच्चों जैसा प्यार मिलता सरकारी स्कूल में।
पापा मेरा नाम लिखा दो,
सरकारी स्कूल में।।
रचयिता
अनुरंजना सिंह,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोठिलिहाई,
जनपद-चित्रकूट।
nice
ReplyDeleteVery good
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