सोहन लाल द्विवेदी
सोहन लाल द्विवेदी
जन्म दिवस विशेष
जन्म हुआ था 22 फ़रवरी, सन उन्नीस सौ छै।
जन्म भूमि बिंदकी जिनकी जिला फतेहपुर है।
दूध बतासा, पूजागीत सेवाग्राम, चेतना।
युगाधार, भैरवी, प्रभाती बाँसुरी जिनकी रचना।।
राष्ट्र आराधन की पूजा बेकार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
स्वतंत्रता आंदोलन युग का एक ऐसा विराट कवि।
समग्र राष्ट्र में भरी चेतना ज्यों प्राची का रवि।।
नवयुवकों में देश-भक्ति की भरते रहे भावना।
देश-धर्म है सबसे ऊँचा देते रहे प्रेरणा।।
ऊर्जा और चेतना पूर्ण लिखते रहे कविताएँ।
राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत हैं सोहन की रचनाएँ।।
राष्ट्रकवि की मिली उपाधि पद्म श्री से अलंकृत।
चल पड़े जिधर वे डगमग द्वे कविता बापू को समर्पित।।
जन साहित्य की मर्मस्पर्शी गाथा लिखे द्विवेदी।
बाल साहित्य के सृजनहार रचनायें अंतर भेदी।।
पर्वत कहता शीश उठाकर तुम भी ऊँचे बन जाओ।
राष्ट्र कवि आवाहन है तुम एक फिर से आओ।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
जन्म दिवस विशेष
जन्म हुआ था 22 फ़रवरी, सन उन्नीस सौ छै।
जन्म भूमि बिंदकी जिनकी जिला फतेहपुर है।
दूध बतासा, पूजागीत सेवाग्राम, चेतना।
युगाधार, भैरवी, प्रभाती बाँसुरी जिनकी रचना।।
राष्ट्र आराधन की पूजा बेकार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
स्वतंत्रता आंदोलन युग का एक ऐसा विराट कवि।
समग्र राष्ट्र में भरी चेतना ज्यों प्राची का रवि।।
नवयुवकों में देश-भक्ति की भरते रहे भावना।
देश-धर्म है सबसे ऊँचा देते रहे प्रेरणा।।
ऊर्जा और चेतना पूर्ण लिखते रहे कविताएँ।
राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत हैं सोहन की रचनाएँ।।
राष्ट्रकवि की मिली उपाधि पद्म श्री से अलंकृत।
चल पड़े जिधर वे डगमग द्वे कविता बापू को समर्पित।।
जन साहित्य की मर्मस्पर्शी गाथा लिखे द्विवेदी।
बाल साहित्य के सृजनहार रचनायें अंतर भेदी।।
पर्वत कहता शीश उठाकर तुम भी ऊँचे बन जाओ।
राष्ट्र कवि आवाहन है तुम एक फिर से आओ।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
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