योग की माया

आओ बतलाऊँ योग की माया
जिसने इसको अपनाया
पायी उसने निर्मल, स्वास्थ्य
 और  निरोगी काया
नित्य नियम में इसको लाओ
चिंता, फ़िक्र को दूर भगाओ
योग है एक अनूठा प्राणायाम
देता जीवन को ये नया आयाम

योग करने से मिलती शान्ति
दूर करता ये मन की सब भ्रान्ति
भोर-साँझ बस दिन में दो बार
मिटेंगे तन के सब रोग विकार
योग से होती तन-मन की शुद्धि
बच्चे, वृद्ध या जवान हो
सबकी करता ये कुशाग्र बुद्धि

आज के इस वैज्ञानिक युग में
व्यक्ति बना सुविधाओं का गुलाम
कैंसर, मधुमेह और क्षय जैसी
भयानक बीमारी भी हो गयी आम
जिसने है योग को अपनाया
उस पर ना पड़ता कभी
इन भयानक बीमारियों का साया आओ बतलाऊँ

 योग की माया जिसने इसको अपनाया
पायी उसने निर्मल, स्वास्थ्य
और निरोगी काया

रचयिता
रीनू पाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर,
विकास खण्ड - देवमई,
जनपद-फतेहपुर।

Comments

  1. सुन्दर भावाभिव्यक्ति।

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