आओ योग करें
करें योग बने निरोग,
और दूर हों हमसे रोग।
(1) प्रातः प्राणायाम करें हम,
और स्वयं ही स्वस्थ बने हम।
योग का चौथा अंग अपनाएँ,
हम अपने को स्वस्थ बनाएँ।
वायु विकार को दूर भगाएँ,
और निरोगी काया पाएँ।
करें योग बने निरोग
और दूर हो हमसे रोग। (2) अनुलोम विलोम बहुत उपयोगी,
यह प्राणायाम बनाएँ निरोगी।
दूर भगाएँ सर्दी दमा जुकाम
यह है नाड़ी शोधन प्राणायाम।
(3)करें भ्रामरी मनोयोग से,
चित हटाए चिंता, क्रोध से।
हटती चिंता क्रोध निराशा,
आती ऊर्जा और नई आशा।
करें योग बने निरोग और दूर हो हमसे रोग
(4) प्रातः करें कपालभाति,
जिस के लाभ है भाँति-भाँति।
मिलता लाभ सभी आसन का
जीवन संजीवनी कहलाए।
तत्व नकारात्मक दूर भगाए
लीवर किडनी को स्वस्थ बनाए।
चमक और स्फूर्ति बढ़ाएँ,
प्रतिदिन योग और प्राणायाम अपनाएँ।
आओ सब मिलकर योग दिवस मनाएँ।
आओ सब मिलकर योग दिवस मनाएँ।।
रचयिता
नीलम भदौरिया,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर,
विकास खण्ड-मलवां,
जनपद-फतेहपुर।
और दूर हों हमसे रोग।
(1) प्रातः प्राणायाम करें हम,
और स्वयं ही स्वस्थ बने हम।
योग का चौथा अंग अपनाएँ,
हम अपने को स्वस्थ बनाएँ।
वायु विकार को दूर भगाएँ,
और निरोगी काया पाएँ।
करें योग बने निरोग
और दूर हो हमसे रोग। (2) अनुलोम विलोम बहुत उपयोगी,
यह प्राणायाम बनाएँ निरोगी।
दूर भगाएँ सर्दी दमा जुकाम
यह है नाड़ी शोधन प्राणायाम।
(3)करें भ्रामरी मनोयोग से,
चित हटाए चिंता, क्रोध से।
हटती चिंता क्रोध निराशा,
आती ऊर्जा और नई आशा।
करें योग बने निरोग और दूर हो हमसे रोग
(4) प्रातः करें कपालभाति,
जिस के लाभ है भाँति-भाँति।
मिलता लाभ सभी आसन का
जीवन संजीवनी कहलाए।
तत्व नकारात्मक दूर भगाए
लीवर किडनी को स्वस्थ बनाए।
चमक और स्फूर्ति बढ़ाएँ,
प्रतिदिन योग और प्राणायाम अपनाएँ।
आओ सब मिलकर योग दिवस मनाएँ।
आओ सब मिलकर योग दिवस मनाएँ।।
रचयिता
नीलम भदौरिया,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर,
विकास खण्ड-मलवां,
जनपद-फतेहपुर।
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