पुस्तकें आयीं
पुस्तकें आयीं, पुस्तकें आयीं
रंग-बिरंगी पुस्तकें आयीं।
पप्पू, मोना, शानू आओ,
आकर तुम पुस्तकें ले जाओ।
इनको पढ़कर बनो महान,
रोशन कर लो अपना नाम।
कलरव से तुम हिंदी सीखो,
गिनतारा से गणना।
रेनबो सिखलाती इंग्लिश,
याद इसे भी करना।
गर चाहो इतिहास जानना,
तो खोलो पुस्तक परिवेश की,
देववाणी को अच्छे से जानो,
और पढ़ो पुस्तक संस्कृत की।
रचयिता
डॉ0 ललित कुमार,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय खिजरपुर जोशीया,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
रंग-बिरंगी पुस्तकें आयीं।
पप्पू, मोना, शानू आओ,
आकर तुम पुस्तकें ले जाओ।
इनको पढ़कर बनो महान,
रोशन कर लो अपना नाम।
कलरव से तुम हिंदी सीखो,
गिनतारा से गणना।
रेनबो सिखलाती इंग्लिश,
याद इसे भी करना।
गर चाहो इतिहास जानना,
तो खोलो पुस्तक परिवेश की,
देववाणी को अच्छे से जानो,
और पढ़ो पुस्तक संस्कृत की।
रचयिता
डॉ0 ललित कुमार,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय खिजरपुर जोशीया,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
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