योग दिवस
भारत की प्राचीन धरोहर,
उत्पत्ति स्थल भारत है,
गुरु-शिष्य परम्परा से विश्व में फैला,
भगवान शिव प्रवर्तक हैं।
योग ऐसा है विज्ञान,
होता इससे जीवन आसान,
प्रतिदिन करना योगाभ्यास,
और अवश्य करना है ध्यान।
शरीर, मन और आत्मा,
संतुलित हो जाती हैं,
अंग, माँसपेशियाँ और नसें,
आपसी सद्भाव दिखाती हैं।
शारीरिक और मानसिक रोगों का,
अच्छा होता है उपचार,
अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप,
गठिया हो या पाचन विकार।
कुछ नियमों का पालन करने से,
योग निपुण हो जाओगे,
नियमपूर्वक योगाभ्यास से,
स्वयं को लाभ पहुँचाओगे।
गुरु के निर्देशन में योग,
सूर्योदय और सूर्यास्त करें,
सूती आरामदायक कपड़ों में,
खालीपेट योगाभ्यास करें।
हो तन भी स्वच्छ,
और मन भी स्वच्छ,
हो वातावरण शांत,
और स्थान भी स्वच्छ।
प्रतिदिन करेंगे योग यदि,
मन-मस्तिष्क को होगा लाभ,
स्वस्थ शरीर, लंबी आयु से,
दसों दिशाओं में होगा प्रताप।
रचयिता
पूजा सचान,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मसेनी(बालक) अंग्रेजी माध्यम,
विकास खण्ड-बढ़पुर,
जनपद-फर्रुखाबाद।
उत्पत्ति स्थल भारत है,
गुरु-शिष्य परम्परा से विश्व में फैला,
भगवान शिव प्रवर्तक हैं।
योग ऐसा है विज्ञान,
होता इससे जीवन आसान,
प्रतिदिन करना योगाभ्यास,
और अवश्य करना है ध्यान।
शरीर, मन और आत्मा,
संतुलित हो जाती हैं,
अंग, माँसपेशियाँ और नसें,
आपसी सद्भाव दिखाती हैं।
शारीरिक और मानसिक रोगों का,
अच्छा होता है उपचार,
अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप,
गठिया हो या पाचन विकार।
कुछ नियमों का पालन करने से,
योग निपुण हो जाओगे,
नियमपूर्वक योगाभ्यास से,
स्वयं को लाभ पहुँचाओगे।
गुरु के निर्देशन में योग,
सूर्योदय और सूर्यास्त करें,
सूती आरामदायक कपड़ों में,
खालीपेट योगाभ्यास करें।
हो तन भी स्वच्छ,
और मन भी स्वच्छ,
हो वातावरण शांत,
और स्थान भी स्वच्छ।
प्रतिदिन करेंगे योग यदि,
मन-मस्तिष्क को होगा लाभ,
स्वस्थ शरीर, लंबी आयु से,
दसों दिशाओं में होगा प्रताप।
रचयिता
पूजा सचान,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मसेनी(बालक) अंग्रेजी माध्यम,
विकास खण्ड-बढ़पुर,
जनपद-फर्रुखाबाद।
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