सौहार्द
आओ मिलकर सभी मनाएँ
होली, ईद, दीवाली।
हर एक गुलशन हर एक जगह
फैलती रहे खुशहाली।
जला होलिका अपने मन के
जीवन को साकार करें।
नई चाह और नए जोश में
आगे आ हुंकार भरें।
नहीं कहीं पे रहे समस्या
हम बनें और बलशाली।
आओ मिलकर सभी मनाएँ
होली, ईद, दीवाली।
पर्व ईद का अनुपम प्यारा
ले सौहार्द है आया।
सबमें सदा हो भाईचारा
ये संदेशा लाया।
मिल जुलकर हम बाँटें खुशियाँ
सृजित करें खुशहाली।
आओ मिलकर सभी मनाएँ
होली, ईद, दीवाली।
दूर अंधेरे जगत के करके
बन सकें आत्मज्ञानी महान।
इस देश नहीं संपूर्ण धरा पर
मानवता का कर सकें कल्याण।
भेद-भाव और कौम भूलकर
गाएँ एक ही वाणी।
आओ मिलकर सभी मनाएँ
होली, ईद, दीवाली।
रचयिता
अरविन्द कुमार सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।
होली, ईद, दीवाली।
हर एक गुलशन हर एक जगह
फैलती रहे खुशहाली।
जला होलिका अपने मन के
जीवन को साकार करें।
नई चाह और नए जोश में
आगे आ हुंकार भरें।
नहीं कहीं पे रहे समस्या
हम बनें और बलशाली।
आओ मिलकर सभी मनाएँ
होली, ईद, दीवाली।
पर्व ईद का अनुपम प्यारा
ले सौहार्द है आया।
सबमें सदा हो भाईचारा
ये संदेशा लाया।
मिल जुलकर हम बाँटें खुशियाँ
सृजित करें खुशहाली।
आओ मिलकर सभी मनाएँ
होली, ईद, दीवाली।
दूर अंधेरे जगत के करके
बन सकें आत्मज्ञानी महान।
इस देश नहीं संपूर्ण धरा पर
मानवता का कर सकें कल्याण।
भेद-भाव और कौम भूलकर
गाएँ एक ही वाणी।
आओ मिलकर सभी मनाएँ
होली, ईद, दीवाली।
रचयिता
अरविन्द कुमार सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।
Sundar sandesh
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