विचरण
Class-5
Environment/Science
Lesson-2
Adaptation
Topic-Habit and habitat
विविध जीव के विविध वासघर,
थलचर, जलचर, नभचर।
जल-थल दोनों में हैं रहते,
कछुआ, मेंढक जैसे उभयचर।।
गाय-भैंस जैसे पशु पालतू,
कुत्ता-बिल्ली जैसे भू-धर।
मानव सहित जंगली जानवर,
कहलाते हैं ए सब थलचर।।
धारा-रेखित तन होता है ,
जल में ही जीवन होता है।
बाहर निकालो जाते मर,
छूने से हैं जाते डर।
गलफड़े हैं उनमें श्वसनघर,
ए मछली जैसे सब जलचर।।
धारारेखित तन होता है,
नभ में उड़ता जीवन होता है।
होती पंख से गति फर-फर,
आराम डाल पर जून-पहर।
हड्डी होती इन सब की खोखली,
होती मजबूत पेशी छाती की।
खूब गजब का इनका हौंसला,
तिनका-2 चुन सृजन घोसला।।
मेंढ़क, कछुआ जैसे कुछ प्राणी,
लेते रह जल-थल दोनों पर।
ए सब के सब अण्डज हैं होते,
कहलाते ये सब उभयचर।।
रचयिता
विजय मेहंदी,
सहायक अध्यापक,
KPS(E.M.School)Shudanipur, Madiyahu,
जनपद-जौनपुर।
Environment/Science
Lesson-2
Adaptation
Topic-Habit and habitat
विविध जीव के विविध वासघर,
थलचर, जलचर, नभचर।
जल-थल दोनों में हैं रहते,
कछुआ, मेंढक जैसे उभयचर।।
गाय-भैंस जैसे पशु पालतू,
कुत्ता-बिल्ली जैसे भू-धर।
मानव सहित जंगली जानवर,
कहलाते हैं ए सब थलचर।।
धारा-रेखित तन होता है ,
जल में ही जीवन होता है।
बाहर निकालो जाते मर,
छूने से हैं जाते डर।
गलफड़े हैं उनमें श्वसनघर,
ए मछली जैसे सब जलचर।।
धारारेखित तन होता है,
नभ में उड़ता जीवन होता है।
होती पंख से गति फर-फर,
आराम डाल पर जून-पहर।
हड्डी होती इन सब की खोखली,
होती मजबूत पेशी छाती की।
खूब गजब का इनका हौंसला,
तिनका-2 चुन सृजन घोसला।।
मेंढ़क, कछुआ जैसे कुछ प्राणी,
लेते रह जल-थल दोनों पर।
ए सब के सब अण्डज हैं होते,
कहलाते ये सब उभयचर।।
रचयिता
विजय मेहंदी,
सहायक अध्यापक,
KPS(E.M.School)Shudanipur, Madiyahu,
जनपद-जौनपुर।
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