स्वच्छ हो धरती

स्वच्छ हो धरती स्वच्छ हो अम्बर, स्वच्छ हो भारत महान।
स्वच्छ हों हमारे देश के गाँव, जिसमें बसते हमारे कृषक महान।

स्वच्छता की अलख जगाते, बालक, वृद्ध, जवान।
शौचालय को स्वच्छ रखते, उन्हीं में उनका सम्मान।
स्वच्छ हो ......

स्वच्छ हो गंगा, स्वच्छ हो यमुना, स्वच्छ हो त्रिवेणी महान।
स्वच्छ हो गाँव मुहल्ले जिसमें बसते हैं वीर जवान।
स्वच्छ हो.......महान।

मंदाकिनी को स्वच्छ रखना, है हमारा प्रिय काम।
जिसके कण-कण में बसते
हैं कामता के राम।
स्वच्छ हो.......

स्वच्छ हों स्कूल व बच्चे, स्वच्छता में है भगवान।
स्वच्छता की है अलख जगाने वाले बापू राष्ट्रपिता महान।
स्वच्छ हो...
 
रचयिता
अशर्फी लाल सिंह,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोल गदहिया, 
विकास क्षेत्र व जनपद-चित्रकूट।

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