३२४~ रेखा गढि़या प्रधानाध्यापिका रा०प्रा०वि० बागपाली, क्षेत्र-धौलादेवी, जिला-अल्मोडा़ उत्तराखण्ड
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय विभिन्न प्रदेशों की विविधता को आत्मसात करने एवं आपसी सीखने-सिखाने की प्रेरणा के लिए मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से उत्तराखण्ड के जनपद- अल्मोड़ा से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन रेखा गढ़िया जी से करा रहे हैं। जिनकी सकारात्मक सोच एवं जिला मुख्यालय से सुदूर एवं दुर्गम क्षेत्र के उपेक्षित बच्चों के प्रति ममतामयी वात्सल्य प्रेम ने अपने विद्यालय को न सिर्फ आकर्षक शिक्षण गतिविधियों का केन्द्र बना दिया बल्कि सामाजिक विश्वास का केन्द्र भी बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय प्रयास हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2328860704058180/
📋परिचय📋
रेखा गढि़या प्रधानाध्यापिका रा०प्रा०वि० बागपाली, क्षेत्र-धौलादेवी, जिला-अल्मोडा़ उत्तराखण्ड|
💫मेरी प्रथम नियुक्ति 2005 में रा०प्रा०वि०बागपाली/धौलादेवी/ अल्मोडा़/उत्तराखण्ड में सहायक अध्यापिका के रूप में हुई थी। 2013 में इसी विद्यालय में प्रधानाध्यापिका का पद ग्रहण किया|
💫- गाँव अनुसूचित बाहुल्य एवं मूलभूत सुविधाओं से वंचित व उपेक्षित दुर्गम में, जिला मुख्यालय से 66किमी० दूर है। अभिभावक कार्य की अधिकतावश बच्चों को घर पर ही बिठा देते थे| बच्चों की न्यूनतम उपस्थिति एक ज्वलन्त समस्या थी|
📋चुनौतियां📋
विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति व अनुशासन अत्यधिक न्यून पायी गयी।
🔰 कारण:-घरेलू समस्याएं
-विद्यालय के प्रति आकर्षण का अभाव|
🔰-भययुक्त वातावरण
🔰-घर में रहने की आदत का बन जाना|
🔰उदासीन समाज एवं समुदाय में नशे की लत का पाया जाना।
🔰बुनियादी सुविधाओं का अभाव था| हमारे लिए ये सब चुनौतियां थीं|
📋परिवर्तन के प्रयास📋
मेरे द्वारा निम्न कुछ कार्य विद्यालय हित व छात्र हित में किये गये।
🔰- बच्चों के हितार्थ समय-समय पर कई प्रोजेक्ट अनेकों घटकों पर बनाये गये।
🔰- छात्र/छात्राओं की कार्यकारिणी का गठन|
🔰- कार्यकारिणी का कार्य विभाजन|
🔰- बच्चों को प्रोत्साहित करने हेतु मासिक स्टार चार्ट का निर्माण|
🔰- प्रार्थना सभा (आकर्षक , स्पीकर का प्रयोग), डृम के साथ व्यायाम, सभी आवश्यक प्रार्थना सभा के निमित्त कार्यक्रम| प्रारम्भ से ही योग, व्यायाम व खेल को समुचित स्थान दिया गया, सामान्य ज्ञान, स्थानीय समाचार वाचन| गृह प्रस्थान के समय भावगीत गाते हुए प्रस्थान|
🔰समुदाय साधन विहीन होने के कारण कई बच्चों के पास गणवेश नहीं हुआ करते थे। इसके लिए स्थानीय बाजार से कपडा़ लेकर स्वंय सिलकर बच्चों तक पहुँचाए|उन्हें काॅपी, पैन पेन्सिल, जूते, रीबन व स्वेटर उपलब्ध करवाए|
आर्थिक रूप से कमजोर छात्र/छात्राओं को स्वंय सहायता दी गयी|
🔰बाहरी मदद- भारतीय स्टेट बैंक अल्मोडा़ के जी.एम. दीपक तिवारी जी एवं दन्याँ के बैंक मैनेजर पी०सी० जोशी जी से सम्पर्क करके स्टेट बैंक की ओर से दन्याँ के आसपास के 24 विद्यालयों के मेधावी बच्चों को स्कूल बैग, काॅपियाँ, पानी की बोतल, पेन्सिल बाॅक्स, नेलकटर दिलवायी गयी थी|
🔰रमेश चन्द्र जोशी जी के प्नयासों के माध्यम से अल्मोडा़ के समाजसेवी श्री मनोज सनवाल जी द्वारा विद्यालय के बच्चों को स्वेटरें वितरित की गयीं|
🔰 बच्चों के प्नयासों को बाहरी दुनियां से जोड़ने में गणेश पाण्डे जी (पत्रकार) एवं रमेश चन्द्र जोशी जी (पत्रकार) का काफी योगदान रहा है| इससे समुदाय बाहरी दुनियाँ से जुड़ने लगा|
🔰- सेवित क्षेत्र के बच्चों की 10 सदस्यों की समिति का गठन,(प्नतिवर्ष विद्यालय से निकलने वाले प्नतिभावान बच्चे इसके सदस्य बन कार्य करते हैं।
🔰- विषयगत नवाचार किये जाते रहे हैं|
🔰- पुस्तकालय व लर्निंग काॅर्नर बनाये गये|
बिगत तीन वर्षों से बच्चों द्वारा दीवार पत्रिका एवं तिमाही बाल अखबार, स्वयं के अनुभवों का संग्रह करवाया गया है|
🔰- अँग्रेजी, संस्कृत व हिन्दी के नाटकों का सफल मंचन|
🔰- विद्यालय में 2005 से ही स्वच्छता सम्बन्धी वस्तुएं रखना|
🔰- शहरी शिक्षित अभिभावक जहाँ बच्चों के प्रति काफी जागरूक होते हैं वहीं ग्रामीण अंचलों के अभिभावक उदासीन थे| इन्हें जोर जबरदस्ती से नहीं मोडा़ जा सकता था, इसके लिए कार्य योजना के कई बिन्दु बनाये गये। 🔰- समय-समय पर बैठकों का आयोजन किया जाता रहा है| अभिभावकों व समुदाय को बच्चों की शिक्षा हेतु प्नेरित किया गया|
🔰बालिकाओं की शिक्षा के लिये समुदाय को विश्वास में लेकर समझाया गया, फलस्वरुप पहले जहाँ बालिकाओं को शिक्षा से दूर रखा जाता था वहीं अब बालिकाएँ ग्रेजुएशन कर रही हैं।
🔰डायरिया जैसे प्रकोपों से निपटने हेतु सेवा समिती का गठन किया जाता है|
🔰-"मैतीवृक्ष" को पुनर्जिवित कर समुदाय को जागरूक बनाना- इसमें शादी के समय वर-वधू एक वृक्ष का पौंधा लगाते हैं।
📋उपलब्धियां📋
2005 से 2007-08 तक जिला स्तरीय टी.एल.एम. प्नतियोगिताओं में प्नथम स्थान तथा 2009-10 में राज्य स्तरीय टी.एल.एम. प्रतियोगिता में स०अ० राजेन्द्र प्रसाद जी के साथ प्रतिभाग।
🔰-2011में विद्यालय में किये गये कार्यों का प्नोजेक्ट राज्य स्तर के लिए चयनित हुआ|
🔰- विद्यालय में बालमेला, मात्र दिवस तथा राष्ट्रीय पर्वों का आयोजन किया जाता रहा है|
पहले इस विद्यालय का नाम लेने पर स्थानीय लोग व्यंगात्मक हँसी हँसते थे किन्तु अब एक अच्छे विद्यालय के रूप में सम्मान देते हैं|
🔰2005 से हमेशा विद्यालय खेल सांस्कृतिक कार्यक्रम नवाचार आदि में प्नगति करता रहा|
🔰क्राफ्ट व कबाड़ से जुगाड़ द्वारा शैक्षणिक वस्तुओं का निर्माण किया गया |
🔰कक्षा-कक्ष को आकर्षक बनाया गया, जिससे बच्चों का विद्यालय में ठहराव हो सके |
🔰 2006-07 में ,जिन बालिकाओं ने शिक्षा बीच में ही अधूरी छोड़ दी थी उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने हेतु कुछ माह पढा़ने के पश्चात 'बृजकोर्श ' करवाकर 12 बालिकाओं को कक्षा 5 व कक्षा 8 उत्तीर्ण करवाया|
🔰-2009 में तत्कालीन जिलाधिकारी निधिमणी त्रिपाठी द्वारा विद्यालय निरीक्षण में बच्चों के सामान्य ज्ञान व काॅपियों को देखकर काफी प्नसंशा की गई|
🔰- प्नधानमंत्री सुरक्षा बीमा के अन्तर्गत शत प्नतिशत लोगों को आच्छादित करने के लिए बृहद अभियान चलाया गया, फलस्वरूप प्नथम दिन ही बागपाली गाँव में सात दर्जन लोगों को इस योजना से लाभान्वित किया गया|
🔰 टीम वर्क की भावना के तहत मेरे व मेरे सहयोगी सहायक अध्यापक राजेन्द्र प्रसाद द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए हमेशा प्नयास किया जाता रहा है|
🔰 भविष्य में किये जाने वाले प्नयास- विद्यालय में बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए प्नोजेक्टर तथा दीवारों को बच्चों के स्वप्निल रंगों में रंगना|
📋संदेश📋
बिना किसी अपेक्षा के सकारात्मक कार्य करते रहें..परिणाम सकारात्मक ही मिलेंगे|
*संकलन*/ *प्रेरणा*/ *साभार व सहयोग के लिये:-
मिशन शिक्षण संवाद टीम की ओर से उत्तराखण्ड के राज्य संयोजक *लक्ष्मण सिंह मेहता* का हार्दिक धन्यवाद।
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 & 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
08-05-2019
मित्रों आज हम आपका परिचय विभिन्न प्रदेशों की विविधता को आत्मसात करने एवं आपसी सीखने-सिखाने की प्रेरणा के लिए मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से उत्तराखण्ड के जनपद- अल्मोड़ा से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन रेखा गढ़िया जी से करा रहे हैं। जिनकी सकारात्मक सोच एवं जिला मुख्यालय से सुदूर एवं दुर्गम क्षेत्र के उपेक्षित बच्चों के प्रति ममतामयी वात्सल्य प्रेम ने अपने विद्यालय को न सिर्फ आकर्षक शिक्षण गतिविधियों का केन्द्र बना दिया बल्कि सामाजिक विश्वास का केन्द्र भी बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय प्रयास हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2328860704058180/
📋परिचय📋
रेखा गढि़या प्रधानाध्यापिका रा०प्रा०वि० बागपाली, क्षेत्र-धौलादेवी, जिला-अल्मोडा़ उत्तराखण्ड|
💫मेरी प्रथम नियुक्ति 2005 में रा०प्रा०वि०बागपाली/धौलादेवी/ अल्मोडा़/उत्तराखण्ड में सहायक अध्यापिका के रूप में हुई थी। 2013 में इसी विद्यालय में प्रधानाध्यापिका का पद ग्रहण किया|
💫- गाँव अनुसूचित बाहुल्य एवं मूलभूत सुविधाओं से वंचित व उपेक्षित दुर्गम में, जिला मुख्यालय से 66किमी० दूर है। अभिभावक कार्य की अधिकतावश बच्चों को घर पर ही बिठा देते थे| बच्चों की न्यूनतम उपस्थिति एक ज्वलन्त समस्या थी|
📋चुनौतियां📋
विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति व अनुशासन अत्यधिक न्यून पायी गयी।
🔰 कारण:-घरेलू समस्याएं
-विद्यालय के प्रति आकर्षण का अभाव|
🔰-भययुक्त वातावरण
🔰-घर में रहने की आदत का बन जाना|
🔰उदासीन समाज एवं समुदाय में नशे की लत का पाया जाना।
🔰बुनियादी सुविधाओं का अभाव था| हमारे लिए ये सब चुनौतियां थीं|
📋परिवर्तन के प्रयास📋
मेरे द्वारा निम्न कुछ कार्य विद्यालय हित व छात्र हित में किये गये।
🔰- बच्चों के हितार्थ समय-समय पर कई प्रोजेक्ट अनेकों घटकों पर बनाये गये।
🔰- छात्र/छात्राओं की कार्यकारिणी का गठन|
🔰- कार्यकारिणी का कार्य विभाजन|
🔰- बच्चों को प्रोत्साहित करने हेतु मासिक स्टार चार्ट का निर्माण|
🔰- प्रार्थना सभा (आकर्षक , स्पीकर का प्रयोग), डृम के साथ व्यायाम, सभी आवश्यक प्रार्थना सभा के निमित्त कार्यक्रम| प्रारम्भ से ही योग, व्यायाम व खेल को समुचित स्थान दिया गया, सामान्य ज्ञान, स्थानीय समाचार वाचन| गृह प्रस्थान के समय भावगीत गाते हुए प्रस्थान|
🔰समुदाय साधन विहीन होने के कारण कई बच्चों के पास गणवेश नहीं हुआ करते थे। इसके लिए स्थानीय बाजार से कपडा़ लेकर स्वंय सिलकर बच्चों तक पहुँचाए|उन्हें काॅपी, पैन पेन्सिल, जूते, रीबन व स्वेटर उपलब्ध करवाए|
आर्थिक रूप से कमजोर छात्र/छात्राओं को स्वंय सहायता दी गयी|
🔰बाहरी मदद- भारतीय स्टेट बैंक अल्मोडा़ के जी.एम. दीपक तिवारी जी एवं दन्याँ के बैंक मैनेजर पी०सी० जोशी जी से सम्पर्क करके स्टेट बैंक की ओर से दन्याँ के आसपास के 24 विद्यालयों के मेधावी बच्चों को स्कूल बैग, काॅपियाँ, पानी की बोतल, पेन्सिल बाॅक्स, नेलकटर दिलवायी गयी थी|
🔰रमेश चन्द्र जोशी जी के प्नयासों के माध्यम से अल्मोडा़ के समाजसेवी श्री मनोज सनवाल जी द्वारा विद्यालय के बच्चों को स्वेटरें वितरित की गयीं|
🔰 बच्चों के प्नयासों को बाहरी दुनियां से जोड़ने में गणेश पाण्डे जी (पत्रकार) एवं रमेश चन्द्र जोशी जी (पत्रकार) का काफी योगदान रहा है| इससे समुदाय बाहरी दुनियाँ से जुड़ने लगा|
🔰- सेवित क्षेत्र के बच्चों की 10 सदस्यों की समिति का गठन,(प्नतिवर्ष विद्यालय से निकलने वाले प्नतिभावान बच्चे इसके सदस्य बन कार्य करते हैं।
🔰- विषयगत नवाचार किये जाते रहे हैं|
🔰- पुस्तकालय व लर्निंग काॅर्नर बनाये गये|
बिगत तीन वर्षों से बच्चों द्वारा दीवार पत्रिका एवं तिमाही बाल अखबार, स्वयं के अनुभवों का संग्रह करवाया गया है|
🔰- अँग्रेजी, संस्कृत व हिन्दी के नाटकों का सफल मंचन|
🔰- विद्यालय में 2005 से ही स्वच्छता सम्बन्धी वस्तुएं रखना|
🔰- शहरी शिक्षित अभिभावक जहाँ बच्चों के प्रति काफी जागरूक होते हैं वहीं ग्रामीण अंचलों के अभिभावक उदासीन थे| इन्हें जोर जबरदस्ती से नहीं मोडा़ जा सकता था, इसके लिए कार्य योजना के कई बिन्दु बनाये गये। 🔰- समय-समय पर बैठकों का आयोजन किया जाता रहा है| अभिभावकों व समुदाय को बच्चों की शिक्षा हेतु प्नेरित किया गया|
🔰बालिकाओं की शिक्षा के लिये समुदाय को विश्वास में लेकर समझाया गया, फलस्वरुप पहले जहाँ बालिकाओं को शिक्षा से दूर रखा जाता था वहीं अब बालिकाएँ ग्रेजुएशन कर रही हैं।
🔰डायरिया जैसे प्रकोपों से निपटने हेतु सेवा समिती का गठन किया जाता है|
🔰-"मैतीवृक्ष" को पुनर्जिवित कर समुदाय को जागरूक बनाना- इसमें शादी के समय वर-वधू एक वृक्ष का पौंधा लगाते हैं।
📋उपलब्धियां📋
2005 से 2007-08 तक जिला स्तरीय टी.एल.एम. प्नतियोगिताओं में प्नथम स्थान तथा 2009-10 में राज्य स्तरीय टी.एल.एम. प्रतियोगिता में स०अ० राजेन्द्र प्रसाद जी के साथ प्रतिभाग।
🔰-2011में विद्यालय में किये गये कार्यों का प्नोजेक्ट राज्य स्तर के लिए चयनित हुआ|
🔰- विद्यालय में बालमेला, मात्र दिवस तथा राष्ट्रीय पर्वों का आयोजन किया जाता रहा है|
पहले इस विद्यालय का नाम लेने पर स्थानीय लोग व्यंगात्मक हँसी हँसते थे किन्तु अब एक अच्छे विद्यालय के रूप में सम्मान देते हैं|
🔰2005 से हमेशा विद्यालय खेल सांस्कृतिक कार्यक्रम नवाचार आदि में प्नगति करता रहा|
🔰क्राफ्ट व कबाड़ से जुगाड़ द्वारा शैक्षणिक वस्तुओं का निर्माण किया गया |
🔰कक्षा-कक्ष को आकर्षक बनाया गया, जिससे बच्चों का विद्यालय में ठहराव हो सके |
🔰 2006-07 में ,जिन बालिकाओं ने शिक्षा बीच में ही अधूरी छोड़ दी थी उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने हेतु कुछ माह पढा़ने के पश्चात 'बृजकोर्श ' करवाकर 12 बालिकाओं को कक्षा 5 व कक्षा 8 उत्तीर्ण करवाया|
🔰-2009 में तत्कालीन जिलाधिकारी निधिमणी त्रिपाठी द्वारा विद्यालय निरीक्षण में बच्चों के सामान्य ज्ञान व काॅपियों को देखकर काफी प्नसंशा की गई|
🔰- प्नधानमंत्री सुरक्षा बीमा के अन्तर्गत शत प्नतिशत लोगों को आच्छादित करने के लिए बृहद अभियान चलाया गया, फलस्वरूप प्नथम दिन ही बागपाली गाँव में सात दर्जन लोगों को इस योजना से लाभान्वित किया गया|
🔰 टीम वर्क की भावना के तहत मेरे व मेरे सहयोगी सहायक अध्यापक राजेन्द्र प्रसाद द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए हमेशा प्नयास किया जाता रहा है|
🔰 भविष्य में किये जाने वाले प्नयास- विद्यालय में बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए प्नोजेक्टर तथा दीवारों को बच्चों के स्वप्निल रंगों में रंगना|
📋संदेश📋
बिना किसी अपेक्षा के सकारात्मक कार्य करते रहें..परिणाम सकारात्मक ही मिलेंगे|
*संकलन*/ *प्रेरणा*/ *साभार व सहयोग के लिये:-
मिशन शिक्षण संवाद टीम की ओर से उत्तराखण्ड के राज्य संयोजक *लक्ष्मण सिंह मेहता* का हार्दिक धन्यवाद।
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 & 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
08-05-2019
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