३०३~ हरीश पाल सिंह आर्य प्रा०वि० कूड़ी, वि०क्षे०-खरखौदा, जनपद-मेरठ

         🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- मेरठ के अनमोल रत्न शिक्षक भाई श्री हरीशपाल सिंह जी 'आर्य' से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी ईमानदारी, सच्चाई और अपने संस्कारित जीवन मूल्यों के आधार पर विद्यालय हित में सबको साथ लेकर, एक टीम वर्क के साथ अद्भुत कार्य करते हुए विद्यालय को चमत्कार के रूप में "आदर्श" स्थिति तक पहुँचाया। जो हम जैसे हजारों शिक्षक साथियों के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है। क्योंकि आदर्श शिक्षक होना तो हम सभी के हाथ भी हो सकता है लेकिन आदर्श विद्यालय बनाने के लिए शिक्षक के स्वयं के समर्पण के साथ सम्पूर्ण विद्यालय परिवार एवं अभिभावकों के आदर्श सहयोग की भी आवश्यकता होती है। जिसे असाधारण अनमोल रत्न समर्पित शिक्षक साथी ही पूरा कर दिखाते हैं। मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से भाई हरीश पाल सिंह जी एवं विद्यालय को आदर्श बनाने में सहयोग करने वाले सम्पूर्ण विद्यालय परिवार एवं ग्राम वासियों का सादर आभार व्यक्त करते हैं।

आइये जानते हैं विद्यालय के लिए किए गये प्रेरक कार्यों की कहानी उन्हीं के शब्दों में:-

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👉(1) मेरी नियुक्ति 1 सितम्बर-2008 को प्रा०वि० कूड़ी, वि०क्षे०-खरखौदा, जनपद-मेरठ में प्रधानाध्यापक पद पर हुई। इससे पूर्व मैं प्रा०वि०कैली नं०-1, वि०क्षे०-खरखौदा(मेरठ) में कार्यरत था।

👉(2)मेरी नियुक्ति के समय विद्यालय में छात्र संख्या 40 के लगभग थी।शैक्षणिक स्टाफ के रूप में विद्यालय में मेरे अतिरिक्त एक और सहायक अध्यापिका कार्यरत थीं। भौतिक परिवेश के रूप में विद्यालय भवन के अंतर्गत मात्र 2 कमरे, 1 ऑफिस एवं इनके सम्मुख बरामदा निर्मित था।संसाधनों के रूप में कुछ विशेष नहीं था। विद्यालय में बच्चों का अनुशासन, अभिभावकों का व्यवहार एवं सहयोग भी मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं था।

👉(3)उपरोक्त स्थिति में संतुष्टिपूर्वक कार्य करना बहुत कठिन था और इस हेतु मेरी जैसी विचारधारा वाले एक और सहयोगी की आवश्यकता थी। परमात्मा की कृपा से लगभग 2 माह बाद ही इस विद्यालय में श्रीमती ललिता का शिक्षामित्र पद पर चयन हुआ। जिनके सहयोग से विद्यालय में छात्र संख्या, बच्चों के अनुशासन और शैक्षणिक स्तर पर भी सकारात्मक परिवर्तन आना प्रारम्भ हुआ।
👉(4)सौभाग्य से 26 अगस्त- 2010 को श्री संदीप शर्मा की प्रथम नियुक्ति स०अ० के पद पर हुई और मुझे एक छोटे भाई जैसा समर्पित सहयोगी मिला। तब से तो इस विद्यालय का प्रत्येक स्तर पर कायापलट ही हो गया। वर्ष 2013 में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के अंतर्गत श्रीमती आरती सागर की स०अ० पद पर विद्यालय में नियुक्ति हुई। इनका भी विद्यालय में विशेष सहयोग रहा है।वर्ष 2014 में विद्यालय में स०अ० के रूप में नियुक्त हुई श्रीमती देशबाला जी का भी विद्यालय में काफी सहयोग रहा था।
इनके अतरिक्त पड़ोस के ग्राम-कबट्टा निवासी और बेसिक शिक्षा विभाग से ही सेवानिवृत्त गुरू जी श्री राम सिंह जी ने भी लगभग 2 वर्षों तक विद्यालय को अपनी निःशुल्क सेवाएं दीं। जिसके लिए पूरा विद्यालय परिवार उनका सदैव ऋणी हैं।
👉(5) 2 फरवरी 2015 को विद्यालय की कक्षा-5 की छात्रा, कु०स्वाति ने, G.I.C. मेरठ में पर्यावरण प्रदूषण विषय पर जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय का गौरव बढ़ाया।

गौरतलब है कि उक्त प्रतियोगिता में स्वाति ने पूरे जनपद मेरठ के कक्षा 12 तक के बच्चों के बीच प्रथम स्थान प्राप्त किया।

👉(6)12 सितम्बर 2016 को तत्कालीन D.M.महोदय, जनपद-मेरठ, श्री जगत राज त्रिपाठी जी ने, रोटरी क्लब स्टार्स द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में, जिले के अन्य श्रेष्ठ अध्यापकों साथ विद्यालय के स०अ० श्री संदीप शर्मा को भी सम्मानित किया।

👉(7)26 अक्टूबर 2016 को विद्यालय के एक दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री उ०प्र० सरकार माननीय श्री शाहिद मन्जूर जी ने मुख्य अतिथि के रूप में विद्यालय में नवीन निर्मित 3 अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जिसने सभी अतिथियों और ग्रामवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम वास्तव में इतने अधिक अच्छे और उच्च स्तरीय थे कि बेसिक विभाग के विद्यालयों के बच्चों द्वारा किये हुए ही नहीं लग रहे थे। लग रहा था कि जैसे किसी कान्वेंट स्कूल के बच्चें हो।
👉(8)विद्यालय का यह विकास ग्रामवासियों के स्नेह और सहयोग के बिना संभव नहीं था। ग्राम कूड़ी के ही स्व०श्री प्रेमसिंह जी ने विद्यालय की स्थापना हेतु, निःस्वार्थ रूप से 0.0633 हेक्टेयर कृषि भूमि विद्यालय हेतु दान दी थी। वर्तमान ब्लॉक प्रमुख पति (ब्लॉक-खरखौदा) एवं युवा नेता श्री ओमपाल गुर्जर जी ने विद्यालय परिसर में लगभग 4 फुट मिट्टी का भराव कराया। जो अपने आप में एक दुरूह कार्य था।
वर्तमान ग्राम प्रधान श्री प्रदीप कुमार व ग्राम सचिव श्री लोकेश कुमार ने ग्राम पंचायत निधि से विद्यालय में इंटरलॉकिंग टाइल्स, सबमर्सिबल पंप, शौचालयों हेतु एक ओवरहैड टैंक व टोंटी फिटिंग, पौधों की सिंचाई हेतु पूरे विद्यालय परिसर में पाइप फिटिंग, बच्चों के बैठने हेतु फर्नीचर, एक छोटी सोलर लाइट लगवाई है। ग्राम प्रधान जी ने हमें आश्वश्त किया है कि पूरे विद्यालय की चारदीवारी की ऊँचाई को थोड़ा बढ़ाकर उन पर लोहे के ग्रिल लगवाने, बच्चों को शुद्ध पेयजल हेतु एक R.O. और विद्यालय में विद्युत की निर्बाध आपूर्ति हेतु लगभग 2 Kg watt के सोलर पैनल इत्यादि के कार्य भी उनकी भविष्य की कार्ययोजनाओं में है।
पूरा विद्यालय परिवार उपरोक्त महानुभवों का हार्दिक आभारी है।साथ ही समस्त ग्राम वासियों के निःस्वार्थ श्रमदान और सहयोग का भी हार्दिक आभारी है। क्योंकि यह ग्राम वासियों का ही स्नेह है कि विद्यालय परिसर में पौधे का एक पत्ता टूटने तक का भी नुकसान कभी नहीं होता।


👉(9)श्री संदीप शर्मा (स०अ०) वैसे तो विद्यालय के हर क्षेत्र में अत्यंत सहयोगी हैं, कितुं विद्यालय में पौधों को रोपण और उनकी देखभाल, उनका खाद-पानी, उनकी ट्रिमिंग इत्यादि का ध्यान वहीं रखते हैं।विद्यालय के वर्तमान भौतिक स्वरूप को देने में उनका बहुत योगदान है।
साथ ही गौरव शर्मा जी ने इस विद्यालय में 'लता वाटिका' की स्थापना करायी जो कि महान गायक, सुर साम्राज्ञी, भारत रत्न, सुश्री लता मंगेशकर जी को समर्पित है। इस हेतु समस्त पौधों को श्री गौरव शर्मा जी ने ही उपलब्ध कराया है। सम्पूर्ण विद्यालय परिवार श्री गौरव जी का भी हार्दिक आभारी है।
👉(10) वर्तमान में हमारे विद्यालय में छात्र संख्या के रूप में 70 छात्र/छात्राएं नामांकित है जो कि ग्राम स्तर पर कक्षा 1 से 5 तक की आयु वर्ग के बच्चों की संख्या का लगभग 70% है। भवन के रूप में हमारे विद्यालय में अब 5 कमरे, 2 बरामदे,2 कार्यालय, किचन शेड एवं पर्याप्त रूप में शौचालय आदि बने हुए हैं।संसाधनों के रूप में बच्चों, अध्यापकों एवं अभिभावकों के बैठने हेतु पर्याप्त फर्नीचर, पर्याप्त पंखे, इनवर्टर, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, साउंड सिस्टम, माइक इत्यादि विद्यालय में मौजूद है। विद्यालयों में इन अतिरिक्त संसाधनों की कुछ मेरे और श्री संदीप शर्मा के तथा कुछ विभिन्न दानदाताओं के सहयोग से ही हो पायी है।
👉(11) हमारे विद्यालय में सभी बच्चों की वार्षिक उपस्थिति का औसत प्रतिशत 90% से भी ज्यादा है। सत्र के अंत में सर्वाधिक वार्षिक उपस्थिति वाले दो बच्चों को विद्यालय की और से पुरस्कृत भी किया जाता है। विद्यालय में प्रतिदिन प्रार्थना सभा माइक और साउंड सिस्टम के माध्यम से की जाती है।बच्चे हारमोनियम की लय पर 6 दिवसों में क्रमशः 6 भजन प्रार्थना के रूप में गाते हैं। उसके पश्चात माइक के माध्यम से ही सामान्य ज्ञान की कुछ आवश्यक जानकारी बच्चे आपस में सांझा करते हैं। सबसे बड़ी खुशी की यह बात है कि यह सब कुछ रोज स्वाभाविक रूप से होता है। जिसमें कि सम्पूर्ण विद्यालय परिवार का पूर्ण सहयोग रहता है।शैक्षणिक सत्र के अंत में कक्षा 5 के बच्चों को विद्यालय की ओर से विदाई पार्टी दी जाती है जिसमें उन्हें स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। साथ ही पूरे विद्यालय परिवार का एक ग्रुप फोटोग्राफ जिसमें सभी बच्चों व अध्यापकों के नाम भी अंकित होते हैं। कक्षा-5 के प्रत्येक बच्चे को स्मृति हेतु दिया जाता है। इसके अतिरिक्त इस दिन प्रत्येक कक्षा में शैक्षणिक स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सभी बच्चों को भी पुरस्कृत किया जाता है।

🙏मेरा सभी अध्यापकों को संदेश:-

जैसा कि हम सभी के निजी जीवन में परिवार में कुछ न कुछ समस्याएं होती है और परिवार हित में हम उनका कुछ न कुछ सकारात्मक समाधान निकालते हैंl उसी प्रकार हम विद्यालय में भी अपने व्यक्तिगत वैचारिक मतभेदों को बच्चों के हित में, आपसी विचार-विमर्श से नगण्य कर सकते हैं।

बातचीत से हर समस्या का समाधान है, बस सभी को, एक सकारात्मक और सच्ची शुरुवात करने भर की देर है।

धन्यवाद🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
संकलन: आशीष शुक्ला
मिशन शिक्षण संवाद

👉नोट:- आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

निवेदक: विमल कुमार
09-03-2019

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