होली है
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।
मौसम में खुशियाँ जब छाएँ
समझ लेना कि होली है।।
समझना रंगों की भाषा
समझना उनकी अभिलाषा
गुलाबी जब गाल हो जाए
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
प्रीत बनकर प्रकृति पीला
कृष्ण बनकर नेह नीला
लालिमा लाली राधा जब बन जाये
समझ लेना कि होली है।
दिलो में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
भरा हो हर्ष बनकर हरा
हो चुनर ओढ़े धानी धरा
फाग बन प्रकृति जब 'अरुण' भाये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
दूर हो सब गिला शिकवा
भांग की मस्ती घोले हवा
मगन मन अल्हड़ गीत जब गाये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब छाये
समझ लेना कि होली है।।
चले पिचकारी की धार
प्यार की हो सदा बौछार
दुश्मन भी जब गले मिल जाए
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
हो चाहत से भरी झोली
मुबारक हो सबको होली
महक बोली में गुझियों की आये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब छाये
समझ लेना कि होली है।।
जवानों के दम पर होली
गूंजे जय हिंद की बोली
सीमाओं पर तिरंगा जब लहराये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
डरना रंग बदलने वालों से
डर है काले दिलवालों से
दिलों के नफरत जब जल जाये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
रचनाकार
अरुण कुमार यादव,
उच्च प्राथमिक विद्यालय बरसठी,,
विकास क्षेत्र-बरसठी,
जनपद-जौनपुर।
Mob--9598444853
समझ लेना कि होली है।
मौसम में खुशियाँ जब छाएँ
समझ लेना कि होली है।।
समझना रंगों की भाषा
समझना उनकी अभिलाषा
गुलाबी जब गाल हो जाए
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
प्रीत बनकर प्रकृति पीला
कृष्ण बनकर नेह नीला
लालिमा लाली राधा जब बन जाये
समझ लेना कि होली है।
दिलो में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
भरा हो हर्ष बनकर हरा
हो चुनर ओढ़े धानी धरा
फाग बन प्रकृति जब 'अरुण' भाये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
दूर हो सब गिला शिकवा
भांग की मस्ती घोले हवा
मगन मन अल्हड़ गीत जब गाये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब छाये
समझ लेना कि होली है।।
चले पिचकारी की धार
प्यार की हो सदा बौछार
दुश्मन भी जब गले मिल जाए
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
हो चाहत से भरी झोली
मुबारक हो सबको होली
महक बोली में गुझियों की आये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब छाये
समझ लेना कि होली है।।
जवानों के दम पर होली
गूंजे जय हिंद की बोली
सीमाओं पर तिरंगा जब लहराये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
डरना रंग बदलने वालों से
डर है काले दिलवालों से
दिलों के नफरत जब जल जाये
समझ लेना कि होली है।
दिलों में प्रेम जब आये
समझ लेना कि होली है।।
रचनाकार
अरुण कुमार यादव,
उच्च प्राथमिक विद्यालय बरसठी,,
विकास क्षेत्र-बरसठी,
जनपद-जौनपुर।
Mob--9598444853
वाह भाई वाह बहुत खूब
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