दिल में चार खाना
बच्चों को हृदय की संरचना एवं क्रियाविधि समझाने के उद्देश्य से लिखी गई कुछ पंक्तियाँ
मेरे दिल में चार खाना
तेरे दिल में चार खाना
अरे इसके दिल में चार खाना
उसके दिल में चार खाना
सबने है इस बात को माना
सबने है इस बात को माना
ऊपर दो अलिंद में आना
नीचे दो निलय से जाना
खून यहाँ है आना-जाना
खून यहाँ है आना-जाना
काम है इसका पम्प के जैसा
धुक-धुक होते लम्प के जैसा
अशुद्ध खून फेफड़ों को जाता
शुद्ध खून शरीर खा जाता
फेफड़े बेचारे करें सफाई
अंगों ने है मौज मनाई
साफ खून बाएँ अलिंद को देते
बदले मे दाएँ निलय से गन्दा लेते
करते रहते दिन भर काम
मिलता ना इनको आराम
सेवा भाव बड़ा दिखाते
शरीर को हैं स्वास्थ्य बनाते
शरीर खून है गन्दा लाता
बाएँ निलय से शुद्ध ले जाता
दिल भी कभी ना थकता है
दिन रात ये मेहनत करता है
दिल और फेफड़ों का तुम रखो ध्यान
करो ना कभी भी धूम्रपान.
मेरे दिल में चार खाना
तेरे दिल में चार खाना
अरे इसके दिल में चार खाना
उसके दिल में चार खाना
सबने है इस बात को माना
सबने है इस बात को माना ...
रचयिता
जैतून जिया,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय गाजू,
विकास खण्ड-कछौना,
जनपद-हरदोई।
मेरे दिल में चार खाना
तेरे दिल में चार खाना
अरे इसके दिल में चार खाना
उसके दिल में चार खाना
सबने है इस बात को माना
सबने है इस बात को माना
ऊपर दो अलिंद में आना
नीचे दो निलय से जाना
खून यहाँ है आना-जाना
खून यहाँ है आना-जाना
काम है इसका पम्प के जैसा
धुक-धुक होते लम्प के जैसा
अशुद्ध खून फेफड़ों को जाता
शुद्ध खून शरीर खा जाता
फेफड़े बेचारे करें सफाई
अंगों ने है मौज मनाई
साफ खून बाएँ अलिंद को देते
बदले मे दाएँ निलय से गन्दा लेते
करते रहते दिन भर काम
मिलता ना इनको आराम
सेवा भाव बड़ा दिखाते
शरीर को हैं स्वास्थ्य बनाते
शरीर खून है गन्दा लाता
बाएँ निलय से शुद्ध ले जाता
दिल भी कभी ना थकता है
दिन रात ये मेहनत करता है
दिल और फेफड़ों का तुम रखो ध्यान
करो ना कभी भी धूम्रपान.
मेरे दिल में चार खाना
तेरे दिल में चार खाना
अरे इसके दिल में चार खाना
उसके दिल में चार खाना
सबने है इस बात को माना
सबने है इस बात को माना ...
रचयिता
जैतून जिया,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय गाजू,
विकास खण्ड-कछौना,
जनपद-हरदोई।
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