३०५~ नरेन्द्र सिंह कुशवाहा प्र.अ. प्राथमिक विद्यालय ज्ञानपुर प्रतापसिंह, विख-अजीतमल, जनपद-औरैया

      🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रो आज हम आपका परिचय जनपद-औरैया से एक ऐसे लगनशील अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई नरेन्द्र कुशवाहा जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से हम सबको ऐसा प्रेरक संदेश दिया है कि यदि हम सभी शिक्षक भी कुछ प्रतिशत अनुकरण करने लगे तो बेसिक शिक्षा की तश्वीर परिवर्तित रूप में नजर आने लगे।

तो आइये देखते हैं बेसिक शिक्षा में अनेकों समस्याओं के बीच विद्यालय स्तर पर शिक्षकों की कमी के बावजूद आपके द्वारा सकारात्मक परिवर्तन की प्रस्तुत मिशाल को......

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मैं नरेन्द्र सिंह कुशवाहा प्र.अ.
प्राथमिक विद्यालय ज्ञानपुर प्रतापसिंह, विख-अजीतमल, जनपद-औरैया।

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रअ पद के उत्तरदायित्व हेतु दी गयी जिम्मेदारी के निर्वहन हेतु दिनांक 16 अगस्त 2015 को इस विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया। उस समय विद्यालय को भौतिक व शैक्षिक परिवेश में परिवर्तन की अत्यन्त आवश्यकता थी जिसके लिए संकल्प के साथ शुरुआत की।
🔹छात्र नामांकन हेतु घर-घर जाकर अभिभावकों से निरन्तर सम्पर्क।
🔹जो बच्चे विद्यालय में नहीं रुकते थे उनका कारण जानकर ठहराव के लिए प्रेम और प्रोत्साहन पर बल। सेवित क्षेत्र के शतप्रतिशत बच्चों का नामांकन।
🔹अनुशासन के लिए बच्चों को प्रार्थना के समय कुछ महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धक बातों को बताना क्योंकि अनुशासन विद्यालय की एक महत्वपूर्ण कडी़ होती है।
🔹प्रार्थना के बाद सभी बच्चों को सामूहिक रूप से प्रतिदिन पी.टी,योगा और परेड कराया जाना।
🔹शनिवार के दिन बच्चों को खो-खो,कबडडी, फुटबाल, बेडमिंटन आदि खेलों का आयोजन कराया जाता है।

🔹बच्चों का सामान्य ज्ञान व पाठ्यक्रम आधारित शैक्षिक मूल्यांकन माह में दो बार कराया जाता है।
🔹विद्यालय कक्षा कक्षों में आकर्षक टीएलएम, दीवारों पर सामान्य ज्ञान से सम्बन्धित पेंटिंग।
🔹शैक्षिक, सहशैक्षिक गतिविधि में शामिल और समस्त पर्व, त्योहारों पर बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ग्राम प्रधान या किसी सम्मानित व्यक्ति द्वारा पुरस्कृत किया जाता है।
🔹आज विद्यालय में बच्चे खेलकूद प्रतियोगिताओं में बढ़चढ़कर भाग लेते हैं।
🔹समस्त छात्रों को स्वयं सहयोग से टाई बेल्ट की व्यवस्था प्रत्येक वर्ष की जाती है ताकि बच्चे स्वयं को निजी विद्यालयों के बच्चों से कमतर न समझें।
🔹सामाजिक सहयोग के रूप में बच्चो के नामांकन, वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण के साथ एसएमसी से विद्यालय प्रगति हेतु योजना बनाने में विशेष सहयोग।
🔹ग्रीन मुहिम के लिए प्रत्येक त्योहार पर कोई न कोई पौधा गांव के बुजुर्ग व्यक्ति या विद्यालय की किसी बच्ची द्वारा लगाया जाना। विद्यालय में खुद ही फुलवाली की क्यारियाँ तैयार कर सैकड़ों फल-फूलदार पौधों को नर्सरी से लाकर रोपकर, उनकी निरन्तर देखभाल करके संरक्षित किया गया।

🔹विद्यालय स्तर पर गौरैयों के संरक्षण की मुहिम।
🔹वितीय व्यवस्था के रूप में विभागीय सहायता के साथ विद्यालय व्यवस्थाओं में निजी धन का भी उपयोग।
🔹मेरे निरन्तर प्रयास और श्रीमती जुलेखाबानो(शिमि) के अथक सहयोग से आज
90% औसत छात्र उपस्थिति,पूरे समय तक विद्यालय ठहराव, बेहतर बाल-केन्द्रित शैक्षिक परिवेश, बेहतर भैतिक परिवेश जैसे परिणाम सामने हैं।
🔹सन्देश -
"सफलता के लिए जरूरत है संकल्प के साथ शुरुआत की।"
🙏🏽
नरेन्द्र सिंह कुशवाहा प्रअ
प्रा.वि.ज्ञानपुर प्रतापसिंह
विख-अजीतमल,जनपद-औरैया ।


संकलन - ज्ञानप्रकाश
टीम मिशन शिक्षण संवाद

👉नोट:- आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

निवेदक: विमल कुमार
13-03-2019

Comments

  1. ये सब मिशन शिक्षण सम्बाद का जादू है। वही से प्रेरित होकर कुछ अलग करने की अलख पैदा हुई और भाई ज्ञानप्रकाश जी के मार्गदर्शन से सब कुछ सम्भव हो सका। धन्यबाद मिशन शिक्षण सम्बाद

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