३०८~ मनोज कुमार मिश्र (इ०प्र०अ०) पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेमरी क्षेत्र-गगहा, जनपद-गोरखपुर उत्तर प्रदेश

        🏅अनमोल रत्न🏅

आप सभी को मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ आज हम आपका परिचय जनपद-गोरखपुर से शिक्षा, विद्यालय और बच्चों के प्रति तन, मन, धन से समर्पित अनमोल रत्न आदरणीय मनोज कुमार मिश्र जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से बेसिक शिक्षा की भटकती स्वार्थपरक विचारधारा के बीच भी, शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान की आशा की किरण के साथ न सिर्फ अपने विद्यालय को समाज के लिए आकर्षण का केन्द्र बनाया बल्कि बच्चों की शिक्षण गुणवत्ता ने भी विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया। हम मिशन परिवार की ओर से ऐसे अनमोल रत्न विद्यालय परिवार को सादर नमन करते हैं।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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★बेसिक शिक्षा में 10 साल पूरे हुए••
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकम्पा से दुनिया का सबसे पुनीत कार्य करते हुए सफलतापूर्वक 10 साल पूरे हुए। दिनांक:24/02/2009 दिन:मंगलवार को माँ सरस्वती ने अपने आँचल में स्थान दिया था।
मैंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ करते हुए बेसिक शिक्षा के मान को बढ़ाने की भरसक कोशिश की है और प्रयास जारी हैं।
प्रथम नियुक्ति का विद्यालय प्राथमिक विद्यालय अवरहिया, क्षेत्र-ब्रह्मपुर, जनपद-गोरखपुर रहा, जहाँ मैंने सन-2009 से 4 वर्ष तक कार्य किया। अगस्त 2013 में पदोन्नति हुई। जिसमें विद्यालय मिला- पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिवपुर, क्षेत्र-बेलघाट, जनपद-गोरखपुर। यहाँ से सन 2013 में ही परस्पर स्थानांतरण के द्वारा *पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेमरी, क्षेत्र-गगहा, जनपद-गोरखपुर* पर पहुंचे और वर्तमान में यहीं पर कार्यरत हूँ। इस विद्यालय पर सत्र- 2016-2017 से विद्यालय प्रमुख का कर्तव्य निभा रहा हूँ।

हमारा लक्ष्य शिक्षा के माध्यम से बच्चों को इस प्रकार तैयार करना है कि वे तेजी से बदल रहे संसार में अच्छा जीवन जीने का सामर्थ्य हासिल कर जीवन की विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सकें।
बच्चों के अपेक्षित शिक्षण सम्बन्धी परिणाम (LEARNING OUTCOMES) की सम्प्राप्ति के साथ ही सांस्कृतिक, सामाजिक, संवैधानिक, मानवीय व वैज्ञानिक जीवन मूल्यों के विकास हेतु अध्यापन के तरीकों और कौशलों का लगातार विकास और अद्यतन होना आवश्यक है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में सभी अध्यापकों के सहयोग से विभिन्न क्रियाकलापों के माध्यम से बच्चों के भविष्य निर्माण, सर्वांगीण विकास का पुनीत कार्य किया जा रहा है।

📋विद्यालय की गतिविधियां:-

★विद्यालय समय से लगभग आधे घंटे पहले सभी अध्यापकों की उपस्थिति।
★लाउडस्पीकर के माध्यम से सभी अभिभावकों व बच्चों को अलर्ट करना ताकि सभी बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में समय से हो सके।
★प्रार्थना सभा में
●लाउडस्पीकर का प्रयोग,
●ईश वन्दना, समूह गान, प्रतिज्ञा, राष्ट्रगान,
●योग, व्यायाम, पी0टी0, नैतिक शिक्षा,
●सामान्य ज्ञान, आज का विचार, समाचार वाचन,
●बाल सभा।
★विभिन्न TLM का प्रयोग करते हुए शिक्षण कार्य।
★खेल-खेल में शिक्षा।
★पठन-पाठन को रुचिकर बनाने, आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए स्वयं के स्तर से विद्यालय में *ICT* का प्रयोग।
👉ICT उपकरण:-


प्रोजेक्टर व लैपटॉप, स्मार्टफोन,
लाउडस्पीकर, HD BOX, न्यूजपेपर, कंप्यूटर मल्टीमीडिया स्पीकर।
★महापुरुषों की जयन्तियों व विभिन्न महत्वपूर्ण दिवसों को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाना।
★बच्चों के अंदर खेलभावना विकसित करने के उद्देश्य से समय-समय पर इंडोर व आउटडोर खेलों का आयोजन।
★बच्चों को विभिन्न स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कराना।
★शासन के निर्देश के क्रम में विभिन्न जन-जागरूकता रैलियों का भव्य आयोजन व उसमें सभी की सहभागिता सुनिश्चित करना।
★PTM के दौरान शासन की विभिन्न योजनाओं से अभिभावकों को अवगत कराना।

★ विभिन्न कुरीतियों व बुराइयों के प्रति आम जन-मानस को जागरूक करने के उद्देश्य से समय-समय पर जन-जागरूकता नाटक का आयोजन।
★स्वस्थ विद्यालय, सुंदर विद्यालय बनाने का पूरा प्रयास व सभी की सहभागिता।
★शासन द्वारा प्रदान की जा रही सभी सुविधाओं को बच्चों तक यथाशीघ्र पहुँचाना।
★बच्चों के अंदर दायित्वबोध उत्पन्न करने व उनमें लोकतंत्र के प्रति निष्ठा भावना का प्रसार करने के उद्देश्य से *बाल संसद* का गठन।
★बच्चों के सृजनात्मक अभिरुचि को ध्यान में रखते हुए उन्हें नवाचारी व रचनात्मक बनाने के उद्देश्य से समय-समय पर पेंटिंग, रंगोली, मेहंदी, रक्षाबंधन प्रतियोगिता का आयोजन।

📝लर्निंग आउटकम:-


●बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है।
●बच्चे पाठ्यक्रम के विषयों व वास्तविक जगत के बीच सम्बन्ध बनाने में सफल हो रहे हैं। छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान स्वयं कर ले रहे हैं।
●बच्चे मोबाइल फोन, कंप्यूटर, इंटरनेट का प्रयोग अपना ज्ञान बढ़ाने के लिये कर रहे हैं।
●सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में ICT के प्रयोग से बच्चे विषय-वस्तु को आसानी से कम समय में सीख रहे, समझ रहे हैं।
●बच्चों में रचनात्मकता, सृजनात्मकता बढ़ी है।
●बच्चों द्वारा गणित, विज्ञान के विभिन्न मॉडल बनाये जा रहे हैं।
●जो बच्चे स्कूल से बाहर जाने को तैयार नहीं होते थे, आज NPRC, BRC, जनपद स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर अपना लोहा मनवा रहे हैं।
●अभिभावकों व अन्य में विद्यालय व अध्यापकों के प्रति सम्मान बढ़ा है।
●बच्चों के विद्यालय न आने की स्थिति में अभिभावकों द्वारा फोन या प्रार्थना पत्र के माध्यम से विद्यालय को अवगत कराया जाना विद्यालय की एक उपलब्धि है।
●बच्चे हमेशा किसी भी परिस्थिति में विद्यालय आने को तत्पर रहते हैं।
"अगर किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे मिलाने में लग जाती है।"

हमारा प्रयास••
बच्चों का सम्पूर्ण विकास।

विद्यालय विकास यात्रा में सम्मानित ग्रामवासियों, अभिभावकों, माननीय
ग्राम प्रधान का भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है।

🗒जीवन की उपलब्धियां:-

●सन:1997 में "निबन्ध लेखन प्रतियोगिता" में तत्कालीन मा० गृहमंत्री (भारत सरकार) श्रीइन्द्रजीत गुप्त द्वारा तृतीय पुरस्कार की प्राप्ति।

●सत्र:2016-2017 में तत्कालीन आदरणीय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व आदरणीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) द्वारा "उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान" से सम्मानित।

● वर्तमान सत्र:- 2018-2019 में आदरणीय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, आदरणीय सहायक शिक्षा निदेशक(बेसिक), आदरणीय जिला समन्वयक (सर्व शिक्षा अभियान) के द्वारा मण्डल स्तरीय ICT पुरस्कार से सम्मानित।

● वर्तमान सत्र: 2018-2019 में ही *राज्य स्तरीय ICT पुरस्कार* से सम्मानित।
● सबसे बड़ा सम्मान- सम्मानित अभिभावकों के हृदय में स्थान।

यह सब कुछ सम्मानित उच्च अधिकारियों की प्रेरणा व प्रोत्साहन, माता-पिता व गुरुजनों के आशीर्वाद व विद्यालय परिवार के सहयोग से ही सम्भव हो पा रहा है।

💐सभी को सादर नमन🙏
मनोज कुमार मिश्र (इ०प्र०अ०)
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेमरी
क्षेत्र-गगहा, जनपद-गोरखपुर
उत्तर प्रदेश

संकलन: मृदुला वैश्य
मिशन शिक्षण संवाद गोरखपुर

नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालयों और अनमोल रत्नों का विवरण भेजने तथा शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए सहयोग/सुझाव/शिकायत/समाधान भेजने के लिए मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।

आपका सहयोगी
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
20-03-2019

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