बाल विदाई
भाव भरे मन तुम्हें विदाई,
नव पथ जाने की बेला आई।
कल के चन्दा तारे हो प्यारे,
देश के मेरे तुम तो उजियारे।
रोशन जो नाम तुम्हारा होगा,
न्यारा जो काम तुम्हारा होगा।
नये क्षितिज पर उड़ते जाना,
बनकर सूर्य चमकते जाना।
सीखा ज्ञान मूल्य जो सारे,
जीवन के सब संग तुम्हारे।
श्रमनिष्ठा कितनी सुखदाई,
मेहनत से ही करो पढ़ाई।
भाव भरे मन तुम्हें विदाई।
जीवन पथ के अभिनव राही,
ज्ञान क्रांति के नूतन वाही।
क्षेत्र विविध दायित्व निभाने,
नये समय पर चिन्ह बनाने।
उजले दीप विचार जलाना,
निज की वह पहचान बनाना।
नहीं भुलाना जो सूत्र निराले,
होंगे जीवन में नये उजाले।
नहीं भुलाना नीति सिखाई।
आशीष तुम्हें दे करूँ विदाई।
भाव भरे मन तुम्हें विदाई।।
रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला,
जनपद -सीतापुर।
नव पथ जाने की बेला आई।
कल के चन्दा तारे हो प्यारे,
देश के मेरे तुम तो उजियारे।
रोशन जो नाम तुम्हारा होगा,
न्यारा जो काम तुम्हारा होगा।
नये क्षितिज पर उड़ते जाना,
बनकर सूर्य चमकते जाना।
सीखा ज्ञान मूल्य जो सारे,
जीवन के सब संग तुम्हारे।
श्रमनिष्ठा कितनी सुखदाई,
मेहनत से ही करो पढ़ाई।
भाव भरे मन तुम्हें विदाई।
जीवन पथ के अभिनव राही,
ज्ञान क्रांति के नूतन वाही।
क्षेत्र विविध दायित्व निभाने,
नये समय पर चिन्ह बनाने।
उजले दीप विचार जलाना,
निज की वह पहचान बनाना।
नहीं भुलाना जो सूत्र निराले,
होंगे जीवन में नये उजाले।
नहीं भुलाना नीति सिखाई।
आशीष तुम्हें दे करूँ विदाई।
भाव भरे मन तुम्हें विदाई।।
रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला,
जनपद -सीतापुर।
7bhut achcha
ReplyDeletenice lines
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