आया होली का त्यौहार

रंग उड़े और उड़े गुलाल
आया होली का त्यौहार

रंगों के संग, मन रंग जाए
यही सभी से है मनुहार

देश प्रेम रंग, रंगे सभी मन
खुशियों की फैले बौछार

जीवन आज हुआ है बेरंग
रंगों की सबको दरकार

घूप छाँव सा है यह जीवन
सुन्दर हो अपना व्यवहार

फूले हैं टेशू, पलाश सब
बहने लगी बसंत बहार

आया रंगों का त्योहार
खुशियाँ मिलें अनंत अपार

ईष्या, द्वेष तनिक ना पालें
भ्रातृ प्रेम बिखरे संसार

क्लेश कलह जो भी है जग में
शांति सदा इसका उपचार

कर न सको कुछ मनुज अगर तो
रखना सुन्दर स्वयम  विचार

इस होली में ईश रंग में
खुद को रंगना बारम्बार

मन की वीणा के तारों को
झंकृत करते हैं त्यौहार 

उल्लासित हो जीवन सबका
यही कामना सौ-सौ बार।

रचयिता
डॉ0 रंजना वर्मा "रेन",
प्राथमिक विद्यालय बूढ़ाडीह-1,
विकास खण्ड-भटहट, 
जनपद-गोरखपुर।

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