होली के रंग

होलिका दहन से मिटे संकट सारा,
शुभकामना परस्पर बढ़े भाईचारा।
सुखद हो सुबह प्रहर दिन सब सुखद हो,
उम्मीदें हों पूरी स्वस्थ तन हो हमारा।

उगें प्यार के जौ हरा हो खेत अपना,
खुशबू हो बिखरी चमन का हो सपना।
आपस में प्रेम पनपे न कोई द्वेष पाले,
एकता भाईचारा भरा समाज हो अपना।

रंग इन्द्रधनुषी बैंगनी, नीला, आसमानी,
हरा, पीला, नारंगी, लाल गुलाल उड़ बखानी।
प्रवासी मंदिर बृज या राह गाँव नगर की,
रंग डाल हों प्रसन्न होली हिन्द की जानी-मानी।

रचयिता
श्रीमती नैमिष शर्मा,
बी0आर0पी0,
विकास खंड-मथुरा,
जिला-मथुरा।
उत्तर प्रदेश।

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