पुलवामा के वीर शहीदों को शत् शत् नमन
पुलवामा के वीर शहीदों को
शत् शत् नमन मैं करती हूँ,
माँ भारती के वीर सपूतों को
श्रद्धा सुमन अर्पित मैं करती हूँ।
मिट गए जो देश के खातिर
खेलकर अपने खून की होली,
देशभक्ति का फर्ज निभाया
खाकर अपने सीने पर गोली।
कायर आतंकी छिपे हुए थे
अहसास न हुआ यह वीरों को,
धोखे से गद्दारों ने वार किया
वक्त न मिला था शेरों को।
खुलकर शूरों को जो ललकारे
ऐसी उनकी औकात कहाँ थी,
खुली चुनौती जो वे देते
ऐसी उनकी जात कहाँ थी।
चवालीस निहत्थे जाँबाजों पर
छिपकर कायरों ने वार किया,
किसी आँगन के जलते चिराग को
हाय!जालिम दरिंदो ने बुझा दिया।
रचयिता
लक्ष्मी बुटोला,
सहायक अध्यापक,
रा.प्रा.वि. बीना,
विकास खण्ड-अगस्त्यमुनि,
जिला-रुद्रप्रयाग।
शत् शत् नमन मैं करती हूँ,
माँ भारती के वीर सपूतों को
श्रद्धा सुमन अर्पित मैं करती हूँ।
मिट गए जो देश के खातिर
खेलकर अपने खून की होली,
देशभक्ति का फर्ज निभाया
खाकर अपने सीने पर गोली।
कायर आतंकी छिपे हुए थे
अहसास न हुआ यह वीरों को,
धोखे से गद्दारों ने वार किया
वक्त न मिला था शेरों को।
खुलकर शूरों को जो ललकारे
ऐसी उनकी औकात कहाँ थी,
खुली चुनौती जो वे देते
ऐसी उनकी जात कहाँ थी।
चवालीस निहत्थे जाँबाजों पर
छिपकर कायरों ने वार किया,
किसी आँगन के जलते चिराग को
हाय!जालिम दरिंदो ने बुझा दिया।
रचयिता
लक्ष्मी बुटोला,
सहायक अध्यापक,
रा.प्रा.वि. बीना,
विकास खण्ड-अगस्त्यमुनि,
जिला-रुद्रप्रयाग।
मेरी कविता को विचारशक्ति में स्थान देने हेतु मिशन शिक्षण संवाद की सम्पूर्ण टीम का हार्दिक आभार।
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