त्रिदेव-महादेव
त्रिदेवों में एक देव हैं,
जिनको कहते महादेव हैं।
शिव एक पर नाम अनेक है,
शंकर, महेश, गंगाधर, भोलेनाथ है।
तंत्र साधना में भैरव कहते,
वेद में इनको रुद्र हैं लिखते।
चेतना के अंतर्यामी बन,
पार्वती के ये स्वामी बन।
शिव की महिमा अपरम्पार,
करते हैं सबका बेड़ा पार।
जटा में इनके गंगा विराजे,
डम डम डमरू सदा बाजे।
कैलाश पर्वत में इनका वास,
नन्दी रहते हैं इनके साथ।
गले में नाग विराजित,
कभी न होते पराजित।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
जिनको कहते महादेव हैं।
शिव एक पर नाम अनेक है,
शंकर, महेश, गंगाधर, भोलेनाथ है।
तंत्र साधना में भैरव कहते,
वेद में इनको रुद्र हैं लिखते।
चेतना के अंतर्यामी बन,
पार्वती के ये स्वामी बन।
शिव की महिमा अपरम्पार,
करते हैं सबका बेड़ा पार।
जटा में इनके गंगा विराजे,
डम डम डमरू सदा बाजे।
कैलाश पर्वत में इनका वास,
नन्दी रहते हैं इनके साथ।
गले में नाग विराजित,
कभी न होते पराजित।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
जय श्री महादेव जी
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