देखो मैंने देखा है ये इक सपना
तर्ज-देखो मैंने देखा है ये इक सपना
देखो मैंने देखा है ये इक सपना-2
सबसे आगे हो स्कूल अपना-2
नौ बजा है, स्कूल खुल चुका है,
सब आओ, आओ, आओ, आ जाओ।
वहाँ तेरी-मेरी कक्षा लगी है,
कक्षाओं में सुन्दर चित्र सजे हैं।
ये है ब्लैकबोर्ड, जहाँ टीचर जी खड़ी हैं,
सब अन्दर आ जाओ, पढ़ाई हो रही है।
यहाँ पर प्रोजेक्टर से पढाया जा रहा है,
लैपटॉप, कम्प्यूटर भी सिखाया जा रहा है
खेलूँ मैं कहाँ पर, कहाँ हैं खिलौने?
ये यहाँ है, यहाँ आकर खेलो,
सब आओ, आओ, आओ, आ जाओ।
अच्छा ये बताओ, खाना क्या बना है?
आज है सोमवार, रोटी-सब्जी बनी है।
खा-पीकर तंदुरुस्त तुम बन जाओ,
तंदुरुस्त बनकर देश को आगे बढ़ाओ।
"मोदी" जी का सपना सच कर दिखाओ,
भारत देश को पूर्ण शिक्षित बनाओ।
देखो मैंने देखा है ये इक सपना-2
सबसे आगे हो स्कूल अपना-2।।
रचयिता
डॉ0 रचना सिंह,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कटरी पीपरखेड़ा
विकास खण्ड-सिकन्दरपुर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।
देखो मैंने देखा है ये इक सपना-2
सबसे आगे हो स्कूल अपना-2
नौ बजा है, स्कूल खुल चुका है,
सब आओ, आओ, आओ, आ जाओ।
वहाँ तेरी-मेरी कक्षा लगी है,
कक्षाओं में सुन्दर चित्र सजे हैं।
ये है ब्लैकबोर्ड, जहाँ टीचर जी खड़ी हैं,
सब अन्दर आ जाओ, पढ़ाई हो रही है।
यहाँ पर प्रोजेक्टर से पढाया जा रहा है,
लैपटॉप, कम्प्यूटर भी सिखाया जा रहा है
खेलूँ मैं कहाँ पर, कहाँ हैं खिलौने?
ये यहाँ है, यहाँ आकर खेलो,
सब आओ, आओ, आओ, आ जाओ।
अच्छा ये बताओ, खाना क्या बना है?
आज है सोमवार, रोटी-सब्जी बनी है।
खा-पीकर तंदुरुस्त तुम बन जाओ,
तंदुरुस्त बनकर देश को आगे बढ़ाओ।
"मोदी" जी का सपना सच कर दिखाओ,
भारत देश को पूर्ण शिक्षित बनाओ।
देखो मैंने देखा है ये इक सपना-2
सबसे आगे हो स्कूल अपना-2।।
रचयिता
डॉ0 रचना सिंह,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कटरी पीपरखेड़ा
विकास खण्ड-सिकन्दरपुर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।
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