४१०~ अरुण कुमार निरंकारी पूर्व माध्यमिक विद्यालय कल्याणपुर वि.ख.- मांट, जिला- मथुरा वर्तमान में परिषदीय संविलित विद्यालय कल्याणपुर (मांट) मथुरा

       🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- मथुरा से अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई अरुण कुमार निरंकारी जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक प्रयास है।।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:

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👉 शिक्षक का परिचय:-
अरुण कुमार निरंकारी
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कल्याणपुर
वि.ख.- मांट, जिला- मथुरा वर्तमान में परिषदीय संविलित विद्यालय कल्याणपुर (मांट)
मथुरा
नियुक्ति- 8/12/1999
इस विद्यालय में आने की तिथि -10 /12/ 2004

मेरी नियुक्ति 8/12/1999 को जहाँ हुई थी वह गाँव शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ था। वहाँ पर मेरी नियुक्ति नई थी वहाँ के प्रधानाध्यापक श्री राम बाबू जी से समस्याओं को सुलझाना सीखा फिर मेरी पदोन्नति का समय आया 10/12/2004 को एक नया विद्यालय मिला।
पदोन्नति - मेरी पदोन्नति 10/12/2004 को पूर्व माध्यमिक विद्यालय कल्याणपुर (मांट) मथुरा में हुई इस गांव में केवल प्राथमिक विद्यालय था जब मैं विद्यालय में पहुँचा यह एक नवीन विद्यालय था, उसके 3 माह के बाद प्रधान अध्यापक श्री प्रेम बिहारी शर्मा जी आए नवीन विद्यालय शुरू हुआ सब कुछ ठीक चल रहा था कि प्रधानाध्यापक जी का स्थानांतरण हो गया अब विद्यालय के समस्त जिम्मेदारी मेरे पास आ गई, साथ ही कुछ समस्याएं भी आईं परन्तु जीवन में कुछ अच्छा करने का मैं मन बना चुका था।

👉समस्याएं:-
🥀1- महिला अध्यापिका का ना होना, विद्यालय का रास्ता मुख्य रोड से करीब 5 किलोमीटर अंदर होने के कारण कोई महिला अध्यापिका नहीं आती थीं साथ ही रास्ता भी बहुत खराब था वर्तमान में भी खराब है।
विद्यालय में कोई महिला अध्यापिका नहीं थीं। इसलिए माता-पिता लड़कियों को पढ़ने नहीं भेजते थे जिस कारण छात्र संख्या काफी कम थी अभिभावकों से संपर्क कर जाग्रत किया और धीरे-धीरे लड़कियों का पंजीकरण विद्यालय में हुआ। विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ी 3 वर्ष पश्चात महिला अध्यापिका भी आ गईं।
🥀2- अध्यापकों की कमी -प्रधानाध्यापक जी के स्थानांतरण के पश्चात विद्यालय एकल हो गया और उस समय सभी विषयों को पढ़ाना मुझे काफी कठिन होता था साथ में बीएलओ की ड्यूटी भी करनी होती थी।
🥀3- प्रांगण का छोटा होना - यह समस्या आज भी बनी हुई है विद्यालय में खेल का मैदान नहीं है प्रांगण काफी छोटा है खेलकूद गतिविधियां कराने में काफी परेशानी आती है।
🥀4- विद्युत का न होना - विद्यालय में आज भी विद्युत नहीं है ना ही फिटिंग हुई है प्राथमिक विद्यालय से बिजली लेकर काम चलाते हैं।
🥀5- तकनीकी उपकरणों का ना होना वर्तमान शिक्षा में तकनीकी उपकरणों का होना अति आवश्यक है लेकिन विद्यालय में किसी भी प्रकार का तकनीकी उपकरण नहीं था।

👉समस्याओं का निदान एवं प्रेरक शिक्षक गतिविधियां:
बच्चों को विद्यालय में मन लगे, आने का मन हो, बच्चों को आनंद महसूस हो, शिक्षा प्राप्त हो गतिविधियां हो, विद्यालय में रुकना पसंद करें, इस पर विचार किया और कदम बढ़ाए जब कदम बढ़े तो सभी समस्याएं कब दूर हो गईं पता ही नहीं चला।
🥀1- गतिविधि शिक्षण -विद्यालय में विषय के अनुसार गतिविधियों की शुरुआत की जैसे गायन, नाटक, चार्ट, कार्ड आदि गतिविधियों को कराने में मुझे अमित अद्भुत एवं राजकमल जी का साथ मिला जब भी समय मिलता वह मेरे विद्यालय में आकर गतिविधियां कराकर मुझे सहयोग करते रहे।
🥀 2- शैक्षणिक भ्रमण- अभिभावकों से संपर्क कर विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ समय-समय पर छात्रों को शैक्षणिक भ्रमण कराते हैं जिससे बच्चों को ऐतिहासिक, भौगोलिक, विज्ञान संबंधी जानकारियां मिलती हैं।
🥀3- मीना मंच कार्यक्रम का आयोजन- मीना मंच के अंतर्गत- छोटी सी दुल्हन, आम का बंटवारा, मुझे स्कूल अच्छा लगता है। नाटकों का आयोजन विद्यालय स्तर पर किए गए साथ ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मेले आयोजनों में न्याय पंचायत एवं विकासखंड स्तर पर प्रतिभाग किया जिससे नाटक मंचन की कला का छात्रों में विकास हुआ।
🥀4- शिक्षक अभिभावक बैठक का आयोजन - विद्यालय में समय-समय पर विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ शिक्षक अभिभावक बैठक का आयोजन किया जाता है जिसमें जो भी समस्याएं होती हैं उनका निदान किया जाता है शिक्षा के स्तर को बढ़ाने हेतु चर्चा भी की जाती है। जो बच्चे विद्यालय नहीं आते उनसे संपर्क किया जाता है व छात्र संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।
🥀5- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन -गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, बच्चों के जन्म दिवस, वार्षिक महोत्सव आदि पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चे खुश होकर प्रतिभाग करते हैं कार्यक्रम गतिविधि, गीत, नृत्य, नाटक, भाषण आदि का मंचन करते हैं। इससे बच्चों में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है प्रभात फेरी, स्वच्छता अभियान, पल्स पोलियो रैली, स्कूल चलो अभियान रैली का भी आयोजन कराया जाता है।
🥀6- गरीब बच्चों को सहायता - 4 गरीब बच्चों को शिक्षा के लिए गोद लिया गया है जिन्हें स्टाफ के सहयोग से विद्यालय तक हम लाते हैं और पढ़ाई के पश्चात छोड़ते हैं साथ ही उनकी किताब कॉपी की भी व्यवस्था करते हैं, और गांव के अन्य गरीब बच्चे को भी कॉपियां उपलब्ध कराते हैं।
🥀7- आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता - प्राइवेट स्कूलों में आधुनिक उपकरणों पर ही काफी जोर दिया जाता है इसलिए मैंने भी विचार किया क्या हम अपने विद्यालय में ऐसा नहीं कर सकते? जैसे हमारा विद्यालय अन्य विद्यालय से पीछे ना रहे और हमने कदम उठाया और शुरू किया तकनीकी शिक्षा का शुभारंभ;
🥀1- रेडियो -आकाशवाणी से कार्यक्रम, आओ अंग्रेजी सीखें बच्चों को रेडियो के माध्यम से सुनाना शुरू किया।
🥀2-स्पीकर एवं माइक - प्रार्थना सभा स्पीकर और माइक से शुरू किया बच्चों में आकर्षण बढ़ गया और प्रार्थना के समय बच्चों की संख्या बढ़ गई है बच्चों से माइक द्वारा प्रार्थना सभा में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन भी करते हैं जिसमें बच्चे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी स्पीकर के और माइक के द्वारा कार्यक्रमों की शोभा बढ़ी और आकर्षक बन गए|
🥀3- स्मार्ट कक्षा का शुभारंभ- हम किसी से कम नहीं और विद्यालय में स्मार्ट कक्षा का शुभारंभ खंड शिक्षा अधिकारी श्री राम तीर्थ वर्मा जी द्वारा कराया जिसमें लैपटॉप ऑफ प्रोजेक्टर से शिक्षा का प्रारंभ किया पढ़ाना शुरू किया गतिविधियां प्रोजेक्ट के माध्यम से कराएं। यह बच्चों और अभिभावकों को काफी अच्छा लगा शिक्षण कार्य में काफी सहूलियत भी होने लगी बच्चों को विषय से संबंधित चल चित्रों के माध्यम से समझने में काफी आसानी होने लगी और हर प्रतियोगिता की तैयारी के लिए तैयारी होने में आसानी होने लगी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी भी अच्छे से होने लगी।































👉विद्यालय और बच्चों की उपलब्धियां:
🥀1- लड़कियों का आगे बढ़ने हेतु जाग्रत किया इस गांव की लड़कियां पहले गांव के बाहर शिक्षा प्राप्त करने के लिए कभी बाहर नहीं गई लड़कियों को शिक्षा का महत्व बताया और अभिभावकों से संपर्क किया और सर्वप्रथम श्री प्रेमचंद जी ने रमा को शिक्षा के लिए 9th में प्रवेश दिलाया और आज इस काम की काफी लड़कियां में10th,12nd, B.A, B.S.C, M.A., B.Ed कर रही हैं
🥀2- प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग- शिक्षा के क्षेत्र में प्रतियोगिताओं का बहुत बड़ा भाग होता है अगर यह कार्य शुरू से ही करना शुरू कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में सफल होना निश्चित है विद्यालय के बच्चों को निम्नलिखित स्तरों पर प्रतिभाग कराया।
🥀1- ब्लॉक स्तर -ब्लॉक स्तर पर विज्ञान सुलेख कला गणित एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया|
🥀2- जनपद स्तर- जनपद स्तर पर विज्ञान सुलेख कला खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया।
🥀3- (I) मंडल स्तर- सांस्कृतिक कार्यक्रम में एकांकी नाटक अधूरा ज्ञान करे परेशान मंडल स्तर पर प्रतिभाग किया (2020)
🥀(||)- विज्ञान के क्षेत्र में इंसपायर अवार्ड प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता 2011 में दीपक पुत्र श्री जगमोहन 2012 में राहुल पुत्र दाताराम 2013 में तुलसी पुत्र ईश्वर प्रसाद 2019 अनिल पुत्र श्री राजवीर दुबे 2020 टिंकू पुत्र श्री विजेंद्र सिंह विजयी छात्र रहे|
🥀3- राज्य स्तर प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता 2011 में दीपक 2012 में राहुल 2013 में तुलसी 2020 टिंकू पुत्र श्री विजय सिंह प्रतिभाग कर रहा है |
🥀4- राष्ट्रीय स्तर इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता में दीपक पुत्र श्री जगमोहन ने 2011 एवं तुलसी पुत्र श्री ईश्वरी प्रसाद अनु ने 2013 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग किया 2020 में टिंकू पुत्र श्री विजय सिंह प्रयासरत है।
🥀5- उत्कृष्ट अध्यापक एवं विद्यालय पुरस्कार - जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान- मथुरा के प्राचार्य डॉ मुकेश अग्रवाल जी द्वारा उत्कृष्ट अध्यापक एवं विद्यालय पुरस्कार 2016 में प्राप्त हुआ तथा जिलाधिकारी श्रीमती बी चंद्रकला एवं मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल द्वारा भी सम्मानित किया गया डॉ मुकेश अग्रवाल जी द्वारा मोटिवेशन अवार्ड से भी मुझे सम्मानित किया गया खंड शिक्षा अधिकारी मथुरा श्री राम मूर्ति वर्मा जी द्वारा ब्लॉक पर उत्कृष्ट अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित 2019 में किया गया विद्यालय संबंधित समस्त उपलब्धियों में मेरा विद्यालय परिवार का पूर्ण साथ मिलता है। विज्ञान संबंधी प्रतियोगिताओं में एवं खेल प्रतियोगिता में अवधेश कुमार एवं मदन मोहन जी का मुझे साथ मिलता है।










👉मिशन शिक्षण संवाद परिवार- मैं मिशन शिक्षण संवाद को बार-बार दिल से धन्यवाद देता हूँ कि मुझे इस मिशन में जोड़ा। मि.शि.सं. इसके माध्यम से शिक्षा के नए आयामों को हम शिक्षकों तक पहुंचाता है। शैक्षणिक गतिविधियों के ज्ञान हेतु आगे भी इसी तरह से अपने साथ हमें जोड़े रखें और अधिक सीखने के आयाम प्रदान करता रहें।
👉 शिक्षक समाज को संदेश- मैं अपने शिक्षक समाज को संदेश नहीं अनुरोध करना चाहूंगा कि बेसिक के शिक्षक का जो सम्मान कम हो गया है उसे पुन: पाने का प्रयास करें आप जिस भी विद्यालय में हैं उस विद्यालय को अपने घर जैसा माहौल देने के अवसर प्रदान करें, उन बच्चों को अपने बच्चे समझ कर पढ़ाएं जिस तरीके की सुविधाएं हम अपने बच्चों को देते हैं उन बच्चों को भी वह सुविधाएं दें। वह बच्चे आपको जिंदगी भर याद रखेंगे अपनी कमाई में से कुछ आवश्यक खर्चा उन बच्चों की शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं पर अवश्य करें।
धन्यवाद
अरुण कुमार निरंकारी ( इ.प्र.अध्यापक) परिषदीय संविलित विद्यालय - कल्याणपुर, विकास खण्ड - मांट
जिला - मथुरा

संकलन: डॉ अनीता मुदगल
मिशन शिक्षण संवाद मथुरा

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
सादर:
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
06-02-2020

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