उड़ी पतंग

सर्र- सर्र-सर्र चली पतंग
फर्र-फर्र-फर्र उड़ी पतंग
जब मुन्नी ने दी कन्नी
बल खाकर लहरायी पतंग
लाल, गुलाबी, नीली, पीली
आसमान में छायीं पतंग
चन्दा-सूरज से मिलकर आयी
मन ही मन इठलायी पतंग
इधर उड़ी-उधर उड़ी
हवा के संग जब चली पतंग
नए नए से खेल खिलाए
बच्चों के मन को भायी पतंग

रचयिता
अरूणा कुमारी राजपूत,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय राजपुर(अंग्रेजी़ माध्यम),
विकास खण्ड-सिंभावली, 
जिला-हापुड़।

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