महिला सशक्तिकरण 194, सीमा सैनी, मथुरा

*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-194*

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*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
(दिनाँक- 06 फरवरी 2020)
नाम:-सीमा सैनी
पद:- प्रधानाध्यापक
विद्यालय:- प्राथमिक विद्यालय पीलुआ सादिकपुर, फरह, मथुरा
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
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1.प्रथम नियुक्ति - 28-12-2005

वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति वर्ष
-22-12-2013

                          विद्यालय की समस्यायें 🌈.                              टूटी -फूटी
इमारत -विद्यालय काफी बड़ा परन्तु 3-4फीट तक सीमेंट गायब था ।खिड़कियों की सरिया गायब थी जिससे गाँव के लोग कक्षा कक्षों का दुरुपयोग करते थे।
🌈टी. एल. एम. शून्य व रंगहीन भौतिक परिवेश -विद्यालय का परिवेश बड़ा ही नीरस था। दो सौ वर्ष  पुराने एक वटवृक्ष के अलावा कोई दूसरा पेड़ पौधा नहीं था।कक्षाकक्षों की दीवारों पर सफेद रंग के अलावा कुछ नहीं था।
एक कक्ष न जाने कितने वर्षों से बंद पड़ा था।
🌈समुदाय से अलगाव -समुदाय के लोगों    की दृष्टि में विद्यालय एक लावारिस स्थान था जहाँ ग्रामवासी मृतकजनों के शव रखते थे तथा सरकारी शिक्षकों को हेयदृष्टि से देखते थीं।
🌈विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा खेलकूद का अभाव ।
विद्यालय की समस्याओं का समाधान ------------------------------------------------🌈पूरे विद्यालय में एक महीनें लगातार मरम्मत व पेंटिंग्स का कार्य c.c.l.पर होने के बावजूद स्वयं की देखरेख में कराया।
पूरे गाँव का पानी विद्यालय में आता था उसे विद्यालय का गेट ऊँचा उठाकर बंद किया गया।
🌈विद्यालय को बालोपयोगी कार्टून्स व शिक्षाप्रद स्लोगन से सजाया गया। कक्षाकक्षों को शैक्षिक फ्लेक्सी व टी. एल. एम. से सुसज्जित किया गया। स्वयं के खर्चे से विद्यालय में प्रोजेक्टर की व्यवस्था की गई। साथ ही विद्यालय को फुलवारी व अनेकों पौधों से सुसज्जित किया गया
🌈समुदाय के लोगों को उनके द्वारा की जाने वाली हानि से अवगत कराया जाता है। आज समुदाय के लोग विद्यालय के बदलाव की तारीफ़ करते हैं तथा शिक्षकों का पूरा सम्मान करते हैं। समय -समय पर समुदाय में होने वाले आयोजनों में शिक्षकों को आमंत्रित भी करते हैं। दो पंखे भी समुदाय द्वारा विद्यालय को दान दिये गये हैं।
🌈विभिन्न आयोजनों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों कराये जाते हैं जिसमें ग्रामवासियों को आमंत्रित किया जाता है। समय -समय पर खेलकूद भी कराये जाते हैं।
विद्यालय एवं शिक्षकों की उपलब्धियाँ
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🌈सबसे पहली उपलब्धि बच्चों का नामांकन और ठहराव है पहले छात्र संख्या  84थी ।लेकिन आज यह 155 है। जिसमें 45 बच्चे इस वर्ष प्राइवेटविद्यालयों से आये हैं।  जिलाधिकारी महोदय तथा बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा भी मेरे कार्यों को सराहा गया है।
🌈विधालय के बच्चों उपलब्धि -
विद्यालय के बच्चे आठ बच्चे न्याय पंचायत स्तर पर खेलकूद में विजयी रहे तथा चार बच्चे ब्लाक स्तर पर तथा एक बच्चा जिला स्तर पर विजयी रहा। जबकि पहली बार बच्चे विद्यालय से बाहर खेलने गये थे।
शिक्षक समाज के लिए संदेश -------🎤--
क्या नाविक ने छोड़ा है नौका चलाना
उन सुनामी लहरों से डरकर........
               क्या खिलना छोड़ा है फूलों ने
               उन नुकीले शूलों से डरकर...
फिर में कैसे छोड़ दूँ चलना आगे बढ़ना
पथरीली कठिन डगर से डराकर......... 🙏

_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*

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