राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
है एक जरुरी फरियाद
बात फतेह की सब कर लो याद।
वर्ष में दो बार 10 फरवरी 10 अगस्त
होता राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस।
कृमि रोग पेट में कीड़े
साधारण बीमारी समझी जाती।
समय पर इलाज न हो तो बनती जटिल
खून की कमी, कुपोषण,
आँतों में एलर्जी जानलेवा बन जाती।
1 से 19 वर्ष के बच्चों को दी जाती
यह दवा करने रोग का रोकथाम।
प्रत्येक विद्यालय, आँगनबाड़ी, स्वास्थ्य विभाग
ये मुफ़्त दी जाती नहीं कोई दाम।
होती एक गोली एल्बेंडाजोल 400mg बस
छूटे कोई बच्चा इस दिन तो आता मॉप अप दिवस
तो इस साल भूल न जाना
प्रत्येक बच्चे को यह खिलाना।
पर ध्यान देना जरूरी बात
यदि गंभीर बीमारी से चल रहा हो इलाज
या नियमित दवा का हो रहा सेवन
तो ये दवा न देना तुम।
घबराना मत गर लक्षण दिखे मामूली
जैसे जी मचलना, थकान, दस्त और उल्टी।
कीड़े होने पर ही दिखते प्रभाव प्रतिकूल
हालत ज्यादा बिगड़े तो चिकित्सालय में ले जाना जरूर।
इस बीमारी से बचाव को भी तुम जानना
स्वच्छ हो पानी स्वच्छ हो खाना।
नाखून साफ व कटे हों।
शौच के बाद साबुन से हाथ धुले हों।
खुले में न कभी शौच जाएँ
घर-घर शौचालय बनवाएँ।
आस-पास न गन्दगी हो
खुशहाल सभी की जिंदगी हो।।
रचयिता
मोनिका रावत,
सहायक अध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय पैठाणी,
विकास खण्ड-थलिसैण,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
बात फतेह की सब कर लो याद।
वर्ष में दो बार 10 फरवरी 10 अगस्त
होता राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस।
कृमि रोग पेट में कीड़े
साधारण बीमारी समझी जाती।
समय पर इलाज न हो तो बनती जटिल
खून की कमी, कुपोषण,
आँतों में एलर्जी जानलेवा बन जाती।
1 से 19 वर्ष के बच्चों को दी जाती
यह दवा करने रोग का रोकथाम।
प्रत्येक विद्यालय, आँगनबाड़ी, स्वास्थ्य विभाग
ये मुफ़्त दी जाती नहीं कोई दाम।
होती एक गोली एल्बेंडाजोल 400mg बस
छूटे कोई बच्चा इस दिन तो आता मॉप अप दिवस
तो इस साल भूल न जाना
प्रत्येक बच्चे को यह खिलाना।
पर ध्यान देना जरूरी बात
यदि गंभीर बीमारी से चल रहा हो इलाज
या नियमित दवा का हो रहा सेवन
तो ये दवा न देना तुम।
घबराना मत गर लक्षण दिखे मामूली
जैसे जी मचलना, थकान, दस्त और उल्टी।
कीड़े होने पर ही दिखते प्रभाव प्रतिकूल
हालत ज्यादा बिगड़े तो चिकित्सालय में ले जाना जरूर।
इस बीमारी से बचाव को भी तुम जानना
स्वच्छ हो पानी स्वच्छ हो खाना।
नाखून साफ व कटे हों।
शौच के बाद साबुन से हाथ धुले हों।
खुले में न कभी शौच जाएँ
घर-घर शौचालय बनवाएँ।
आस-पास न गन्दगी हो
खुशहाल सभी की जिंदगी हो।।
रचयिता
मोनिका रावत,
सहायक अध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय पैठाणी,
विकास खण्ड-थलिसैण,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
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