शिक्षा

शिक्षा बहुत ज़रूरी है,
सारे अवगुण धोती है।
पढ़ लो बच्चों जितना चाहो,
समय क़ीमती नहीं गँवाओ।
शिक्षा पाकर ही बनते हैं,
शिक्षक, नेता, डॉक्टर, अफ़सर।
वकील, वैज्ञानिक या व्यापारी,
या फिर हो वो देश सिपाही।
शिक्षा ही से तो मिलता है,
ज्ञान, बुद्धि और सम्मान।
जन्म मरण के बीच में केवल
इसी से अच्छाई बुराई है।
शिक्षा ही से बन सकता है,
बच्चों भारत देश महान।
बातों से कोई जंग न जीतो,
कर्म से होती है पहचान।
देश की शान तुम मेरे बच्चों,
कर्म से होती है पहचान।

रचयिता
आसिया फ़ारूक़ी,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय अस्ती,
नगर क्षेत्र-फतेहपुर,
जनपद-फतेहपुर।

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